सरकार सुधार का एजेंडा लागू करती है तो भारत की रेटिंग में सुधार संभव: मूडीज

नयी दिल्ली : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने आज कहा कि यदि भारत सरकार सुधार का एजेंडा लागू करती है और अगले साल मुद्रास्फीति जैसे प्रमुख वृहत्-आर्थिक संकेतक नियंत्रण में रहते हैं तो देश की साख में सुधार हो सकता है.साख निर्धारण एजेंसी ने कहा ‘‘यदि मूडीज की उम्मीद के अनुरूप धीरे-धीरे लेकिन साख अनुकूल सुधार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2015 12:15 PM

नयी दिल्ली : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने आज कहा कि यदि भारत सरकार सुधार का एजेंडा लागू करती है और अगले साल मुद्रास्फीति जैसे प्रमुख वृहत्-आर्थिक संकेतक नियंत्रण में रहते हैं तो देश की साख में सुधार हो सकता है.साख निर्धारण एजेंसी ने कहा ‘‘यदि मूडीज की उम्मीद के अनुरूप धीरे-धीरे लेकिन साख अनुकूल सुधार वास्तविक नीतिगत कार्यान्वयन में तब्दील होता है और यदि मुद्रास्फीति, राजकोषीय एवं चालू खाते के अनुपात में हालिया सुधार बरकरार रहता है तो भारत की रेटिंग सुधारी जा सकती है.’ मूडीज ने भारत के लिए सकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीएए3′ की रेटिंग प्रदान की थी. मूडीज ने 2004 से भारत के लिए ‘बीएए3′ की रेटिंग निर्धारित की है जो ‘कबाड़’ (जंक) के दर्जे से एक पायदान ही ऊपर है.

मूडीज ने भारत सरकार को सौंपी अपनी रपट में कहा ‘‘नीतिगत प्रगति और अगले साल वृहत्-आर्थिक संकेतक उम्मीद से बेहतर रहते हैं और हमारे विचार से यह प्रगति वहनीय रहती है तो रेटिंग सुधारी जा सकती है.’ रपट में कहा गया कि सकारात्मक परिदृश्य नीतिगत कार्यान्वयन की उम्मीद पर निर्भर है जो मुद्रास्फीति के स्थिरीकरण, नियामकीय माहौल में सुधार, राजकोषीय अनुपात में मौजूदा सुधार को बरकरार रखते हुए बुनियादी ढांचा निवेश में बढोत्तरी कर सावरेन साख के जोखिम को कम कर सकता है.

मूडीज ने हालांकि आगाह किया कि यदि नीतिगत सुधार की प्रक्रिया में बदलाव या इसकी गति धीमी होती है या बैंकिंग प्रणाली के पैमाने लगातार कमजोर होते हैं या फिर वाह्य ऋण और आयात से जुडा विदेशी मुद्रा भंडार का दायरा कम होता है तो रेटिंग का परिदृश्य फिर से ‘स्थिर’ हो सकता है.

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