रायपुर : छत्तीसगढ में अदाणी समूह दो परियोजनाओं में 25 हजार करोड रुपये से अधिक का पूंजी निवेश होगा और करीब 11 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को अदाणी समूह के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये. एमओयू के अनुसार अदाणी समूह द्वारा राज्य में दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं के तहत लगभग 25 हजार 200 करोड रुपये का पूंजी निवेश किया जाएगा. दोनों परियोजनाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दस हजार 600 स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
अधिकारियों ने बताया कि एमओयू पर छत्तीसगढ सरकार की ओर से वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह और अदाणी समूह की ओर से राजेश झा तथा के.एस. वर्षणेय ने हस्ताक्षर किया. मुख्यमंत्री ने एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य में एक बडा और अत्यंत महत्वपूर्ण निवेश होगा, जो कोयले के मूल्य संवर्धन से जुडा हुआ है. सिंह ने कहा कि यह एमओयू राज्य के किसानों को खेती के लिए यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति में भी सहायक होगा. इसके अलावा परियोजना की स्थापना से डाउन स्टरीम उद्योगों को भी बढावा मिलेगा.
सिंह ने उम्मीद जतायी कि अदानी समूह की प्रस्तावित परियोजनाओं में छत्तीसगढ के युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर मिलेंगे. राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी. ये परियोजनाएं कोयले से पॉली-उत्पादन और चावल छिल्का तेल निकालने से जुडी हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित एमओयू के अनुसार प्रथम परियोजना कोयले से पॉली-जनरेशन की होगी, जिसमें राज्य में उपलब्ध कोयले से अमोनिया/यूरिया और प्राकृतिक गैस (एसएनजी) का उत्पादन किया जाएगा. इसमें कोयले से यूरिया बनाने, एसएनजी गैस उत्पादन संयंत्र स्थापना और कोयले पर आधारित ताप बिजली संयंत्र भी शामिल है.
परियोजना में लगभग दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. छत्तीसगढ में प्रस्तावित यह परियोजना भारत में अदानी समूह की अपने तरह की पहली परियोजना होगी, जो कोयले से मिलने वाली कृत्रिम ऊर्जा पर आधारित होगी. अदानी समूह के प्रतिनिधियों ने बताया कि विभिन्न अध्ययनों के अनुसार इस प्रकार की परियोजना का भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा. उन्होंने बताया कि दूसरी परियोजना चावल से चावल छिल्का तेल निकालने और तेल रिफाइनरी संयंत्र की होगी.
इसकी लागत लगभग 200 करोड रुपये की होगी और इसमें छह सौ लोगों को रोजगार मिलेगा. परियोजना में लगभग तीन लाख 30 हजार मीटरिक टन राइस ब्रान का उपयोग कर सालाना 66 हजार मीटरिक टन खाद्य तेल का उत्पादन किया जाएगा. यह परियोजना राजनांदगांव जिले में प्रस्तावित है. इसे दो साल के भीतर शुरू करने का लक्ष्य है.
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