रेट कट पर रघुराम राजन ने बहुमत के फैसले को किया था विटो, इस कारण नहीं मिली राहत

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान तकनीकी परामर्श समिति (टीएसी) के ज्यादातर सदस्यों के विचार के उलट नीतिगत दर यथावत रखी. राजन ने अपने वीटो पावर का इस्‍तेमाल करते हुए नीतिगत दरों में कोई भी कटौती नहीं की. समिति के सात में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 10:27 AM

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान तकनीकी परामर्श समिति (टीएसी) के ज्यादातर सदस्यों के विचार के उलट नीतिगत दर यथावत रखी. राजन ने अपने वीटो पावर का इस्‍तेमाल करते हुए नीतिगत दरों में कोई भी कटौती नहीं की. समिति के सात में से चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती का सुझाव दिया था. समिति के सात सदस्यों में से तीन ने बेंचमार्क उधारी दर या रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था, जबकि एक ने अल्पकालिक उधारी दर में आधा प्रतिशत तक कटौती का सुझाव दिया था.

टीएसी के साथ परामर्श के सारांश के मुताबिक, ‘सदस्यों का मानना था कि नीतिगत रेपो दर में कटौती के लिए उपलब्ध गुंजाइश का इस्तेमाल करने का यह सही समय है.’ रिजर्व बैंक ने आज यह सारांश जारी किया. तकनीकी सलाहकार समिति में सात बाहरी विशेषज्ञ सदस्य हैं.

इनमें वाई एच मालेगांम, शेकर आचार्य, अरविंद विरमानी, इंदिरा राजरमन, एरॉल डिसूजा, अशिमा गोयल और चेतन घटे शामिल हैं. रिजर्व बैंक ने 22 से 28 जुलाई के दौरान टीएसी के बाह्य सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया था. इनमें से एक सदस्य ने तो नीतिगत दर में आधा प्रतिशत कटौती की वकालत की थी.

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