नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जोर देते हुए कहा कि वैश्विक बाजारों में मची खलबली भारत के लिए ‘चिंताजनक’ नहीं है और इस संकट को सुधारों में तेजी लाकर ‘अवसर’ में तब्दील किया जाना चाहिए. जेटली ने कहा कि कच्चे तेल के दाम छह साल के निचले स्तर पर आ गए हैं और जिंसों की कीमतों में नरमी से भारत जैसे शुद्ध आयातक को लाभ होने की संभावना है. उन्होंने पूछा, ‘क्या हम इसे एक अवसर में तब्दील कर सकते हैं? सोसायटी आफ इंडियन लॉ फर्म्स के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर मजबूत बनी हुई है और वैश्विक घटनाक्रमों के चलते ‘चिंतित’ होने की कोई वजह नहीं है.
जेटली ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक वृद्धि में करीब आधा योगदान चीन का है और अब यह विनिर्माण से सेवाओं की ओर रख कर रहा है.’ उनके सस्ते विनिर्मित उत्पाद उस हद तक नहीं बिक रहे जितने कि बिका करते थे. उन्होंने अधिशेष क्षमता तैयार कर ली है. वे निर्यातोन्मुखी अर्थव्यवस्था से उपभोक्ता केन्द्रित अर्थव्यवस्था की ओर रुख कर रहे हैं.’ वित्त मंत्री ने कहा कि यह संकट भारत के लिए एक अवसर प्रस्तुत करता है. विश्व एक शक्तिशाली इंजन के बल पर आगे बढ रहा था जो अब तेजी से आगे बढता नहीं दिख रहा और अब ‘विश्व को वैकल्पिक इंजनों की जरुरत है.’
जेटली ने कहा कि भारत विश्व में अकेली प्रमुख अर्थव्यवस्था है जो 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ रही है और ‘दूसरा हर कोई काफी नीचे है.’ उन्होंने कहा, ‘आप दुनिया में ज्यादा लोगों को आकर्षित करने की स्थिति में हैं. एक खतरनाक स्थिति में क्या हम पैर पीछे खींच लें. पिछले 24 घंटों में जो कुछ हुआ उसको लेकर चिंतित होने की जरुरत नहीं है.’ सेवाओं को भारत की ‘मजबूती’ बताते हुए जेटली ने कहा कि भारत को विदेशी प्रतिस्पर्धा से निपटते हुए इस क्षेत्र में रक्षात्मक होने की जरुरत नहीं है क्योंकि देश के पास सस्ता प्रशिक्षित श्रमबल है.