चीन जैसी उत्‍पन्‍न परिस्थिति का प्रभाव पूरी दुनिया पर पडता है : रघुराम राजन

लंदन : चीन के शेयर बाजारों के धराशायी होने से भारतीय शेयर बाजारों में हाल की भारी तबाही के संदर्भ में आरबीआइ गवर्नर रघराम राजन ने कल यहां कहा कि चीन बड़ा देश है और वहां के हर घटनाक्रम का प्रभाव स्वाभाविक है. राजन ने साथ ही मुश्किलों में फंसी अर्थव्यवस्थाओं की कठिनाइ दूर करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 4:54 PM

लंदन : चीन के शेयर बाजारों के धराशायी होने से भारतीय शेयर बाजारों में हाल की भारी तबाही के संदर्भ में आरबीआइ गवर्नर रघराम राजन ने कल यहां कहा कि चीन बड़ा देश है और वहां के हर घटनाक्रम का प्रभाव स्वाभाविक है. राजन ने साथ ही मुश्किलों में फंसी अर्थव्यवस्थाओं की कठिनाइ दूर करने के उनके केंद्रीय बैंकों पर बहुत अधिक दबाव डालने के प्रति आगाह भी किया है. चीन का आर्थिक संकट गहराने से वहां के शेयर बाजारों में सोमवार को 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी थी. उसके असर से भारत में मुंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1700 अंक से भी नीचे चला गया था.

राजन ने चीन के चलते उत्पन्न आर्थिक नरमी के संबंध में कहा ‘वास्तविक आंकडों के बारे में बहुत अनिश्चितता है. आंकडों को सामने आना है. लेकिन चीन बड़ा देश है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण बन गया है. विश्व भर में कही की भी प्रतिकूल घटना का शेष दुनिया पर किसी न किसी तरह का असर होता ही है.’ उन्होंने बीबीसी से कहा ‘यह पहले वित्तीय बाजारों पर असर डालता है और फिर उसका असर व्यापार पर पडता है. इसलिए हर किसी को इसकी चिंता है. लेकिन आपको हर चीज के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने के प्रति भी सावधान रहना चाहिए.’

हालांकि इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में कल कहा था कि वैश्विक बाजार की उठा-पटक भारत के लिए चिंता का विषय नहीं है. एक अन्य वैश्विक आर्थिक संकट की आशंका के बारे में पूछने पर राजन ने कहा ‘अब तक जो मैंने देखा है उसके आधार पर ऐसा मानने की कोई वजह नहीं है कि हम एक और संकट की कगार पर हैं. लेकिन हमें उन अस्थायी पहलुओं के प्रति सतर्क रहना है जो तैयार हो रहे हैं.’

राजन ने आगाह किया कि केंद्रीय बैंकों पर संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा भी नहीं मढा जाना चाहिए. बीबीसी वर्ल्ड न्यूज पर ‘इंडिया बिजनेस रिपोर्ट’ को दिये साक्षात्कार में भारतीय केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि आर्थिक समस्याओं का निदान सिर्फ सुधार के जरिए ही हो सकता है. केंद्रीय बैंकों के जरुरत से ज्यादा हस्तक्षेप में अच्छाई के बजाय बुराई ज्यादा है.

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