1000 टन प्याज आयात के लिए बोली को सरकार की मंजूरी
नयी दिल्ली : प्याज की खुदरा कीमतों में उछाल के बीच इसकी आपूर्ति बढाने के लिए सरकार ने आज 45 रुपये प्रति किलो की दर से 1,000 टन प्याज का आयात करने के लिए बोली को मंजूरी दी तथा तथा विदेशों से और अधिक प्याज खरीदने का फैसला किया है. देश में कई जगह प्याज […]
नयी दिल्ली : प्याज की खुदरा कीमतों में उछाल के बीच इसकी आपूर्ति बढाने के लिए सरकार ने आज 45 रुपये प्रति किलो की दर से 1,000 टन प्याज का आयात करने के लिए बोली को मंजूरी दी तथा तथा विदेशों से और अधिक प्याज खरीदने का फैसला किया है. देश में कई जगह प्याज की खुदरा कीमतें 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी हैं. सरकार ने सरकारी उपक्रम एमएमटीसी से 10,000 टन प्याज का आयात करने के लिए कल एक नयी निविदा जारी करने के लिए भी कहा है. यह फैसला कृषि सचिव सिराज हुसैन की अगुवाई वाली मूल्य स्थिरीकरण कोष निगरानी समिति की बैठक में लिया गया. बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव सी विश्वनाथ, एमएमटीसी और एसएफएसी के वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे.
कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अविनाश के श्रीवास्तव ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘समिति ने 685 डॉलर प्रति टन (45 रुपये प्रति किलो) की दर से 1,000 टन प्याज का आयात करने की पेशकश को मंजूरी दी है.’ अविनाश के श्रीवास्तव ने कहा कि एमएमटीसी, जिसने पिछले सप्ताह 10,000 टन प्याज का आयात करने के लिए निविदा जारी की थी, को सिंगापुर स्थित क्रास ट्रेड लाईन से 1,000 टन के लिए बोली प्राप्त हुई. इस बोली को मंजूरी दी गयी है. उन्होंने कहा कि 1,000 टन प्याज की यह खेप या तो चेन्नई अथवा जेएनपीटी बंदरगाह पर 10 सितंबर तक पहुंचेगी. मंजूरी प्राप्त करने वाले बोलीदाताओं को मिस्र, चीन, पाकिस्तान और अन्य जहां कहीं प्याज उपलब्ध हो, वहां से प्याज लेने को कहा गया है.
आयातित प्याज को राज्यों की जरुरतों को पूछने के बाद उन्हें उपलब्ध कराया जायेगा. श्रीवास्तव ने कहा कि कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आने वाले सप्ताहों में और आयात किये जायेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह फैसला किया गया है कि जब तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में नहीं आ जाती एमएमटीसी निविदा जारी करती रहेगी. एमएमटीसी को कल 10,000 टन प्याज का आयात करने के लिए ताजा निविदा जारी करने को कहा गया है. सरकार ने ऐसे समय में निविदा की मंजूरी दी है जब एशिया की सबसे बडी प्याज मंडी, महाराष्ट्र के लासालगांव में प्याज की थोक कीमत पिछले दो दिनों से गिरने लगी है और आज इसकी कीमत 48 रुपये प्रति किलो है जिसका कारण निर्यात पर रोक और जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई जैसे विभिन्न सरकार के उपाय के कारण आपूर्ति की स्थिति में सुधार आना है. ऐसा माना जा रहा है कि आयातित प्याज की आपूर्ति से बाजार में आपूर्ति और बढेगी और खुदरा कीमतों में कमी आयेगी, जो कि इस समय 80 रुपये प्रति किलो के आसपास बनी हुई है. कृषि मंत्रालय के तहत मूल्य स्थिरीकरण कोष का इस्तेमाल करते हुए प्याज का आयात किया जा रहा है.
लासलगांव थोक मंडी में प्याज 48 रुपये किलो
सरकार ने प्याज के उत्पादन में इस साल गिरावट की आशंका दूर करते हुए आज कहा कि आवक बढने से महाराष्ट्र के लासालगांव में प्याज की कीमत घटकर 48 रुपये किलो पर आ गयी जो पिछले सप्ताह 57 रुपये किलो थी. लासलगांव प्याज की सबसे बडी थोक मंडी है. पिछले कुछ सप्ताह से खुदरा एवं थोक बाजार दोनों में प्याज की कीमत में उछाल आया. इसका कारण फसल वर्ष 2014-15 में उत्पादन में पांच लाख टन की अनुमानित कमी थी. उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश के कारण इस साल भी उत्पादन कम रहने की आशंका से भी कीमत में तेजी आयी.
देशभर में प्याज की खुदरा कीमत 80 रुपये किलो तक पहुंच गयी है. उपभोक्ता मामलों के सचिव सी विश्वनाथ ने बैठक के बाद कहा, ‘हमने प्याज और दलहन की उपलब्धता की समीक्षा की. कृषि विभाग ने सूचित किया है कि महाराष्ट्र में प्याज का उत्पादन थोडा कम रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में उत्पादन बढा है और इस साल उत्पादन पिछले साल के बराबर रहने की संभावना है.’
उन्होंने यह भी कहा कि प्याज की आवक बढने से थोक बाजार लासलगांव में कीमत 48 रुपये किलो पर आ गयी है. साथ ही कर्नाटक से नयी फसल के दिल्ली बाजार में आने से राष्ट्रीय राजधानी की आजादपुर मंडी में थोक भाव 41 रुपये किलो पर आ गया. फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई-जून) में देश में कुल प्याज उत्पादन घटकर 1.89 करोड टन पर आ गया जो पूर्व वर्ष में 1.94 करोड टन था. केंद्रीय कृषि एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, एसएफएसी, नाफेड, तथा मदर डेयरी के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे. सचिव ने कहा कि कीमत संवेदनशील दिल्ली बाजार में एसएफएसी (स्माल फार्मर्स एग्री बिजनेस कंसोर्टियम) मदर डेयरी की सफल दुकानों तथा दिल्ली मिल्क स्कीम के 120 बूथों के जरिये आपूर्ति बढा रहा है.
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