पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 0.5 प्रतिशत की कमी

नयी दिल्ली : वित्तीय वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही के जीडपी आंकड़े में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है.यह आंकडा अप्रैल से जून तिमाही पर आधारित है. जबकि जनवरी से मार्च तिमाही में यह आकडा 7.5 प्रतिशत था.सरकार द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक जीडीपी 7.5 प्रतिशत से गिरकर 7 प्रतिशत रह गयी है. जीडीपी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2015 6:01 PM

नयी दिल्ली : वित्तीय वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही के जीडपी आंकड़े में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है.यह आंकडा अप्रैल से जून तिमाही पर आधारित है. जबकि जनवरी से मार्च तिमाही में यह आकडा 7.5 प्रतिशत था.सरकार द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक जीडीपी 7.5 प्रतिशत से गिरकर 7 प्रतिशत रह गयी है. जीडीपी के जारी आंकड़े उम्मीद से कम हैं.जीडीपी में धीमी वृद्धि दर में धीमेपन और औद्योगिकी उत्पादन में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की संभावना बढी है.

आर्थिक गतिविधियों को मापने के लिये सीएसओ द्वारा अपनाए जा रहे सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) पर आधारित नये मानदंड के आधार पर भी पहली तिमाही में जीवीए घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गयी जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 7.4 प्रतिशत था.केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकडों के अनुसार जनवरी-मार्च 2015 में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत जबकि अप्रैल-जून, 2014 में यह 6.7 प्रतिशत थी.

मुद्रास्फीति में तीव्र गिरावट के चलते चालू बाजार बाजार मूल्य पर नामिनल जीडीपी सांकेतिक जीडीपी तथा जीवीए में आलोच्य तिमाही के दौरान तीव्र गिरावट दर्ज की गयी है. जहां सांकेतिक जीडीपी पहली तिमाही में 8.8 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 13.4 प्रतिशत थी. इसी तरह जीवीए वृद्धि दर इस बार करीब 7.1 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 14 प्रतिशत थी.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2015-16 की शुरुआत में वृद्धि दर 8.1 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जिसे हासिल करना मुश्किल हो सकता है.रिजर्व बैंक ने जनवरी से अब तक नीतिगत ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है और वह अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 29 सितंबर को करने वाला है.
सीएसओ के आंकडों के अनुसार स्थिर मूल्य (2011-12) पर विनिर्माण क्षेत्र का जीवीए अप्रैल-जून तिमाही में बढकर 7.2 प्रतिशत पर आ गयी जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 8.4 प्रतिशत थी.इसी प्रकार, बिजली, गैस, जल आपूर्ति तथा अन्य उपयोगी सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ गयी जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 10.1 प्रतिशत थी.
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की वृद्धि दर 2015-16 की पहली तिमाही में 1.9 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 2.6 प्रतिशत थी.खान एवं खनन क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि दर भी आलोच्य तिमाही में मामूली रुप से घटकर 4 प्रतिशत पर आ गयी हो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 4.3 प्रतिशत थी.
वित्तीय, रीयल एस्टेट तथा पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में घटकर 8.9 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 9.3 प्रतिशत थी.हालांकि निर्माण गतिविधियों में वृद्धि दर अपैल-जून, 2015 में बढकर 6.9 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी.
सीएसओ के आंकडों के अनुसार स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 2015-16 की पहली तिमाही मे 27.13 लाख करोड रुपये रहा जो 2014-15 की इसी तिमाही में 25.35 लाख करोड रुपये था. यह 7.0 प्रतिशत वृद्धि को बताता है.

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