अप्रैल-जुलाई राजकोषीय घाटा 3.85 लाख करोड़ रुपये, बजट अनुमान का 69.3 प्रतिशत

नयी दिल्ली: सरकार के योजना व्यय में तेजी आने के साथ ही चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों के दौरान राजकोषीय घाटा 3.85 लाख करोड रुपये हो गया जो कि वर्ष 2015-16 के बजट अनुमान का 69.3 प्रतिशत है. एक साल पहले इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 61.2 प्रतिशत रहा था। […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2015 8:27 PM

नयी दिल्ली: सरकार के योजना व्यय में तेजी आने के साथ ही चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों के दौरान राजकोषीय घाटा 3.85 लाख करोड रुपये हो गया जो कि वर्ष 2015-16 के बजट अनुमान का 69.3 प्रतिशत है.

एक साल पहले इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 61.2 प्रतिशत रहा था। सरकारी राजस्व और खर्च के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है. चालू वित्त वर्ष के बजट में पूरे साल के दौरान इसके 5.55 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
अप्रैल से जुलाई 2015 के चार महीनों में शुद्ध कर प्राप्ति 1.54 लाख करोड रुपये रही जबकि इस दौरान सरकार का कुल व्यय करीब 6 लाख करोड़ रुपये यानी पूरे साल के अनुमान का 33.8 प्रतिशत रहा है.
चार महीनों की इस अवधि में हुये कुल खर्च में योजना व्यय 1.57 लाख करोड और गैर योजना व्यय 4.43 लाख करोड़ रुपये रहा.
भारत सरकार के महालेखानियंत्रक के आंकडों के अनुसार इन चार महीनों में राजस्व घाटा 3.05 लाख करोड़ रुपये रहा है.राजकोषीय घाटा इस दौरान 5.01 लाख करोड रुपये यानी जीडीपी का चार प्रतिशत रहा है जबकि 2014-15 में इसी अवधि के दौरान यह 4.1 प्रतिशत रहा था.

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