भारतीय बैंकों के समक्ष पूंजी की व्यापक चुनौती : फिच

नयी दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा सिर्फ आईसीआईसीआई और भारतीय स्टेट बैंक को घरेलू प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डीएसआईबी)घोषित किए जाने से पता चलता है कि बैंकों के समक्ष पूंजी की व्यापक चुनौती है. फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक द्वारा सिर्फ दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2015 3:32 PM

नयी दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा सिर्फ आईसीआईसीआई और भारतीय स्टेट बैंक को घरेलू प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डीएसआईबी)घोषित किए जाने से पता चलता है कि बैंकों के समक्ष पूंजी की व्यापक चुनौती है. फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक द्वारा सिर्फ दो बैंकों को डीएसआईबी बताने से पता चलता है कि बैंकों के समक्ष पूंजी की भारी जरुरत है और वित्तीय संस्थानों को इसे पूराकरने के लिए व्यापक चुनौती का सामना करना होगा.

फिच ने उम्मीद जताई कि भविष्य में और बैंकों को डीएसआईबी घोषित किया जाएगा. अपनी ‘भारतीय बैंक पूंजी की चुनौती’ शीर्षक की रिपोर्ट में फिच ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए सरकार का पूंजीगत सहयोग महत्वपूर्ण है. विशेषरुप से खाली हो चुके घरेलू अतिरिक्त टियर एक बाजार और कमजोर आंतरिक पूंजी सृजन क्षमता को देखते हुए। फिच ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कमजोर स्थिति बैंकिंग क्षेत्र पर भारी है.

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