”जनधन खातों” का इस्तेमाल पेंशन और ऋण सुविधायें पहुंचाने में करेगा भारत

न्यूयार्क : भारत का इरादा प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गये खातों का इस्तेमाल इन खाताधारकों को बीमा, पेंशन और रिण सुविधायें पहुंचाने के लिये करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के यहां जारी वक्तव्य में यह बात कही गई. संयुक्त राष्ट्र की दुनिया के देशों को इलेक्ट्रानिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2015 3:00 PM

न्यूयार्क : भारत का इरादा प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गये खातों का इस्तेमाल इन खाताधारकों को बीमा, पेंशन और रिण सुविधायें पहुंचाने के लिये करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के यहां जारी वक्तव्य में यह बात कही गई. संयुक्त राष्ट्र की दुनिया के देशों को इलेक्ट्रानिक भुगतान की ओर ले जाने की पहल में भारत के शामिल होने के अवसर पर यह कहा गया. भारत नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक और कदम उठाते हुये संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (यूएनसीडीएफ) की पहल में शामिल हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वित्तीय समावेश के लिये शुरू की गयी योजना ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ की पहली वर्षगांठ के अवसर पर यह घोषणा की गयी है. संयुक्त राष्ट्र की दुनिया के देशों को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाली इस नयी भागीदारी में सरकारों के साथ-साथ कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हैं. यह भारत सरकार की अर्थव्यवस्था में नकदी कम करने की प्रतिबद्धता को ही आगे बढता है.

जेटली ने वक्तव्य में कहा है, ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना का लक्ष्य पहले शुरू किये गये वित्तीय समावेशी कार्यक्रमों के मुकाबले कहीं अधिक बडा है. इस कार्यक्रम के जरिये देश के करीब करीब हर परिवार को औपचारिक वित्तीय तंत्र से जोडने में कामयाबी मिली है. इसके जरिये निचले स्तर तक के लोगों को भी वित्तीय लेनदेन करने और अपनी गाढी कमाई को सुरक्षित रखने का अवसर मिला है.’

जेटली ने कहा, ‘इसके अगले कदम के तौर पर इन खातों का इस्तेमाल, अब लोगों तक बीमा, पेंशन और ऋण सुविधायें पहुंचाने के लिये किया जायेगा.’ उन्होंने कहा कि गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड द्वारा भारत की पहचान एक सप्ताह के भीतर 1.8 करोड बैंक खातों को खोलने के तौर पर की गयी है. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत एक साल में 17.50 करोड नये खाते खोले गये. इनमें कुल 3.4 अरब डालर की जमा पूंजी हासिल की गई.

भारत की यह घोषणा ऐसे समय आयी है जब अगले महीने संयुक्त राष्ट्र का विशेष सत्र यहां होने जा रहा है. इस अवसर पर मोदी और दुनिया के दूसरे नेता टिकाउ विकास लक्ष्यों के कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. संयुक्त राष्ट्र की ‘बैटर देन कैश एलायंस’ पहल के प्रबंध निदेशक डा. रथ गुडविन ग्रोएन ने कहा, ‘भारत का नेतृत्व और प्रगति दुनिया के देशों के लिये प्रेरणादायक है.’

उन्होंने कहा, ‘वित्तीय समावेश लक्ष्य को पाने के लिये भुगतान प्रक्रिया के डिजिटलीकरण को शीर्ष प्राथमिकता बनाकर भारत सरकार ने लोगों के जीवन में सुधार लाने और समावेशी वृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखायी है.’ संयुक्त राष्ट्र की इस एलायंस में हाल में रवांडा और घाना भी शामिल हुये हैं.

वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाओं के विभाग में सचिव हसमुख अधिया ने इस अवसर पर कहा, ‘देश के वित्तीय समावेशी प्रयासों में जनधन योजना पासा पलटने वाली साबित हुई है. इस पहल से यह साबित हुआ है कि जब हम सभी सबंद्ध पक्षों के प्रयासों को एकजुट कर स्पष्ट लक्ष्य के साथ मिलकर काम करते हैं तो अप्रत्याशित परिणाम आते हैं.’

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