मंत्रिमंडल ने स्वर्ण बांड, मौद्रीकरण योजनाओं को दी मंजूरी

नयी दिल्ली : सरकार ने स्वर्ण बांड तथा स्वर्ण मौद्रीकरण योजनाओं को आज मंजूरी दे दी. इसका मकसद भौतिक रूप से धातु की मांग में कमी तथा घरों एवं अन्य इकाइयों के पास पडे निष्क्रिय पडे सोने को बाजार में निकवाना है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘दोनों योजनाएं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2015 4:51 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने स्वर्ण बांड तथा स्वर्ण मौद्रीकरण योजनाओं को आज मंजूरी दे दी. इसका मकसद भौतिक रूप से धातु की मांग में कमी तथा घरों एवं अन्य इकाइयों के पास पडे निष्क्रिय पडे सोने को बाजार में निकवाना है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘दोनों योजनाएं उपयोग के नजरिये से सुरक्षित और आर्थिक रूप से ज्यादा स्थिर हैं.’ स्वर्ण बांड योजना में सालाना सीमा 500 ग्राम प्रति व्यक्ति होगी और इस प्रकार के बांड को 5 से 7 साल की अवधि के लिये जारी किया जाएगा. जेटली ने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने आज स्वर्ण बांड योजना को मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत भौतिक रूप से सोना खरीदने के बजाए, भारतीय नागरिक स्वर्ण बांड खरीद सकते हैं.’

वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सोवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी) शुरू करने का प्रस्ताव किया था ताकि स्वर्ण के विकल्प के रूप में इसे वित्तीय संपत्ति के रूप में विकसित किया जा सके. उन्होंने कहा कि बांड 2, 5 और 10 ग्राम स्वर्ण या अन्य मात्रा में जारी किया जाएगा और इसकी अवधि 5 से 7 साल हो सकती है. इसका मकसद यह निवेशकों को स्वर्ण कीमतों में मध्यम अवधि में उतार-चढाव से बचाना है. स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि लोग अपने पास निष्क्रिय पडे सोना को बैंकों में अल्प अवधि, मध्यम अवधि या दीर्घकाल के लिये जमा कर सकते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या यह छूट योजना है, जेटली ने कहा, ‘यह काला धन छूट योजना नहीं है और इस पर सामान्य कर कानून लागू होगा.’ वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सालाना करीब 1,000 टन सोने का आयात किया जाता है और लोग हर साल केवल निवेश के इरादे से सोना खरीदते है जो निष्क्रिय पडा रहता है. उन्होंने कहा कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना का लाभ उठाते हुए लोग अधिकृत एजेंसियों के पास निष्क्रिय सोना जमा कर सकते है और सोने की कीमत में वृद्धि का लाभ उठा सकते हैं. साथ ही जमा पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं.

जेटली ने कहा, ‘जमा की अवधि अल्प, मध्यम और दीर्घकाल होगी और अगर निष्क्रिय सोना बैंकों में जमा किया जाता है तब भुनाने के समय लोग सोने का वास्तविक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं और अगर अल्प अवधि के लिये जमा किया गया है तो वे भौतिक रूप से भी सोना प्राप्त कर सकते हैं.’ स्वर्ण मौद्रीकरण योजना की घोषणा 2015-16 के बजट में की गयी थी.

जेटली ने कहा कि इसके तहत जुटाया गया सोने का उपयोग नीलामी तथा रिजर्व बैंक का भंडार बढाने में किया जाएगा. साथ ही इसका उपयोग ‘भारत स्वर्ण सिक्का’ बनाने में किया जाएगा जिनपर अशोक चक्र मुद्रित होगा और आभूषण निर्माताओं को कर्ज देने में भी इसका उपयोग किया जाएगा ताकि सोने के आयात की जरुरत नहीं पडे. वित्त मंत्री ने कहा कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना की अधिसूचना तथा क्रियान्वयन की तारीख की घोषणा जल्दी ही की जाएगी.

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