नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनियों के बीच स्पेक्ट्रम की खरीद फरोख्त (व्यापार) के दिशानिर्देशों को आज मंजूरी दी जिससे सेवा प्रदाताओं के लिए स्पेक्ट्रम की कमी दूर करने में मदद मिलेगी. दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां कहा, ‘कैबिनेट ने स्पेक्ट्रम के व्यापार को मंजूरी दे दी है. दूरसंचार क्षेत्र स्पेक्ट्रम के अधिकतम या अच्छे-अच्छे तरीके से इस्तेमाल के लिए इसकी मांग कर रहा था.’ अभी तक केवल सरकार ही नीलामी के जरिये दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम बेच सकती थी लेकिन अब कंपनियां सरकार से खरीदे गए स्पेक्ट्रम की आपस में खरीद फरोख्त कर सकेंगी. इस फैसले से स्पेक्ट्रम का दक्षता से इस्तेमाल बढेगा.
कम ग्राहक संख्या वाले या ऐसे दूरसंचार आपरेटर जिनके पास अतिरिक्त स्पेक्ट्रम है, वे उसका व्यापार कर सकेंगे. प्रसाद ने कहा, (स्पेक्ट्रम पर) स्वामित्व का अधिकार भारत सरकार के पास होगा. उन्होंने कहा कि व्यापार के अधिकार से कोई सेवा प्रदाता दूसरे के साथ अपने पास के स्पेक्ट्रम का व्यापार कर सकेगा. मंत्री ने कहा कि व्यापार करार करते समय दूरसंचार आपरेटरों को सरकार की पूर्वानुमति नहीं लेनी होगी, लेकिन कंपनी को इस तरह का व्यापार करार करने से कम से कम 45 दिन पहले इसकी सूचना लाइसेंसिंग प्राधिकरण को देनी होगी.
यह करार करने वाले क्रेता व विक्रेता को यह शपथपत्र देना होगा कि यह करार सभी नियम व नियमनों के दायरे में है. प्रसाद ने कहा कि यदि नमूना जांच में यह तथ्य सामने आता है कि शपथपत्र में दिया गया ब्योरा गलत है तो उस स्थिति में कार्रवाई की जाएगी और व्यापार करार को रद्द भी किया जा सकता है. दूरसंचार मंत्री ने बताया कि स्पेक्ट्रम के व्यापार की सभी बैंडों में अनुमति होगी. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने सुझाव दिया है कि दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम का व्यापार सेवा क्षेत्र स्तर पर करना होगा उसके किसी भाग पर नहीं.
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