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जीएसटी पर संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाएगी सरकार : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : सरकार ने बहुप्रतीक्षित जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दिलाने के लिए संसद का अलग से सत्र बुलाने की अपनी योजनाएं आज छोड दीं. सरकार के इस फैसले से सामान व सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन में और देरी हो सकती है. सरकार इसे अगले साल एक अप्रैल से लागू करना चाहती […]

नयी दिल्ली : सरकार ने बहुप्रतीक्षित जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दिलाने के लिए संसद का अलग से सत्र बुलाने की अपनी योजनाएं आज छोड दीं. सरकार के इस फैसले से सामान व सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन में और देरी हो सकती है. सरकार इसे अगले साल एक अप्रैल से लागू करना चाहती है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने राष्ट्रपति से मानसून सत्र के सत्रावसान की सिफारिश करने का फैसला किया है. यह सत्र पिछले महीने स्थगित किया गया था.उल्लेखनीय हे कि सरकार मानसून सत्र को इसी उम्मीद में बनाए रखे हुए थी कि जीएसटी पर कोई सहमति बन जाएगी.जीएसटी को अब तक के सबसे बडे आर्थिक सुधारों में से एक माना जा रहा है.
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले पर तब तक सहयोग करने से इनकार कर दिया जब तक कि कथित अनियमितताओं के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राजस्थान तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की उसकी मांग पूरी नहीं की जाती. जेटली ने कहा कि सरकार वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन विधेयक के लिए संसद की मंजूरी लेने हेतु विशेष सत्र बुलाने की इच्छुक थी लेकिन कांग्रेस के साथ बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकलने के कारण ‘ फिलहाल’ इस योजना को छोडने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक पर सहमति बनाने के प्रयास जारी रहेंगे.
जेटली ने कहा,‘ हम कोशिश करते रहेंगे. हम सभी राजनीतिक दलों के संपर्क में हैं. कांग्रेस को छोडकर लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन भी किया है. लोकसभा में कांग्रेस को छोडकर सभी राजनीतिक दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया. कांग्रेस ने बहिर्गमन किया, अन्य दलों ने बहिर्गमन नहीं किया. हालात में बदलाव हुआ तो केंद्रीय मंत्रिमंडल इस मामले पर फिर से विचार करेगा. ‘ संसद का आगामी सत्र नवंबर में होने की संभावना है.
जीएसटी के एक अप्रैल 2016 की तय तारीख से लागू होने पर संदेह के बारे में जेटली ने कहा,‘ आपका अनुमान भी उतना ही अच्छा है जितना मेरा. ‘ इससे पहले द इकनोमिस्ट पत्रिका के एक कार्यक्रम में जेटली ने आगाह किया कि कांग्रेस के अवरोधों केे कारण जीएसटी में ‘कुछ समय की’ देरी हो रही है. ‘ जेटली ने कहा यदि लोकसभा में जीएसटी विधेयक को समर्थन देने वाली पार्टियों की संख्या के हिसाब से गणना की जाये तो सरकार को राज्यसभा में भी दो तिहाई बहुमत का समर्थन प्राप्त है. ‘‘कांग्रेस पार्टी कहती है …. मैं केवल शोर मचाऊंगी … मैं चाहूंगा कि यह एक अप्रैल से लागू हो, लेकिन यदि इस प्रकार की रकावट खडी होती रही, तो शायद कांग्रेस पार्टी भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने में सफल हो जाये और कुछ समय के लिये जीएसटी टल जाये.’
जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन जीएसटी अब पूरी तरह चाकचौंबंद एजेंडा है. जो भी आपत्तियां उठाइ’ जा रही है, मुझे नहीं लगता कि उनमें ज्यादा कुछ है. इसलिये मुझे नहीं लगता कि इसके पारित होने में ज्यादा समय लगेगा.’ कांग्रेस पार्टी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने के सरकार के प्रयासों को कल यह कहकर झटका दे दिया कि जब तक सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कारवाई नहीं करती है विशेष सत्र बुलाने का कोई फायदा नहीं होगा. जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा में पारित किया जा चुका है लेकिन राज्यसभा में यह अटका हुआ है. राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास बहुमत नहीं है.

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