चेन्नई : तमिलनाडु के पहले वैश्विक निवेश सम्मेलन (जीआइएम) में राज्य में एक लाख करोड रुपये से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जतायी गयी. मुख्यमंत्री जयललिता ने यह जानकारी दी और ढांचागत क्षेत्र में निवेश पर जोर दिया. सम्मेलन के पहले दिन उन्होंने कहा, ‘जीआइएम ने एक लाख करोड रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा था जो कि पहले ही लांघा जा चुका है. मुझे पूरा भरोसा है कि इन दो दिनों में और निवेश प्रतिबद्धताएं जतायी जाएंगी.’ जयललिता ने इसके साथ ही ‘अधिक निवेशक अनुकूल माहौल’ बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की.
इस दो दिवसीय सम्मेलन में 5,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं जिनमें से 1,000 विदेशी प्रतिनिधि शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु को शीर्ष निवेश गंतव्य के रूप में रेखांकित करते हुए कंपनियों को आश्वस्त किया कि राज्य में उनका निवेश ‘मजबूत निवेश’ होगा. उन्होंने कहा कि ढांचागत क्षेत्र में कुल मिलाकर 250 अरब डालर के निवेश की योजना है. जयललिता ने प्रधानमंत्री मोदी की निवेशक अनुकूल पहलों की सराहना की और कहा कि उनकी इस पहलों से निवेशक तमिलनाडु में निवेश करने को ‘प्रोत्साहित’ होंगे.
जयललिता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने निवेशक अनुकूल माहौल बनाने तथा और अधिक विदेशी मुद्रा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हाल ही में अनेक पहलों की अगुवाई की है.’ उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह किया कि सम्मेलन में प्रस्तावित निवेश प्रस्तावों को केंद्र के स्तर पर त्वरित मंजूरी दी जाए. सीतारमन ने तमिलनाडु की सराहना करते हुए आज इसे निवेशक अनुकूल राज्य करार दिया जहां अनेक अवसर मौजूद हैं. इस बीच प्रमुख एफएमसीजी कंपनी आइटीसी लिमिटेड ने कहा कि वह तमिलनाडु में 2500 करोड रुपये निवेश करना चाहती है.
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी एचसीएल लिमिटेड ने राज्य में एक अरब डालर का निवेश करने की घोषणा की. एचसीएल के चेयरमैन शिव नाडर ने कहा, ‘तमिलनाडु में जो निवेश पहले हमने किया है उसके अलावा अगले पांच साल के दौरान हम एक अरब डालर का निवेश और करेंगे.’ आइटीसी के चेयरमैन वाई सी देवेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम भारत में कहीं भी निवेश को तैयार हैं.तमिलनाडु के लिए हमारी लगभग 2,500 करोड रुपये के निवेश की योजना है. कंपनी की राज्य में खाद्य प्रसंस्करण व होटल कारोबार पर निगाह है.’ निवेशक सम्मेलन में विभिन्न देशों के राजदूत, उच्चायुक्तों के अलावा आस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, कोरिया, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, सिंगापुर और रूस के प्रतिनिधिमंडल भी इसमें भाग ले रहे हैं.
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