डुअर्स और दार्जिलिंग के बाद अब बंगाल में भी होगा चाय उत्पादन

कोलकाता : गुणवत्ता वाली चाय अब केवल असम और दार्जिलिंग तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि दूसरे स्थानों पर भी इसका विस्तार होगा. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) खडगपुर और पुरुलिया के नये क्षेत्रों में चाय की वैज्ञानिक खेती और इसके प्रसंस्करण में मदद कर रहा है. आइआइटी-खडगपुर परिसर स्थित चाय बागान में अनुसंधानकर्ताओं ने प्रदर्शित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2015 3:43 PM

कोलकाता : गुणवत्ता वाली चाय अब केवल असम और दार्जिलिंग तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि दूसरे स्थानों पर भी इसका विस्तार होगा. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) खडगपुर और पुरुलिया के नये क्षेत्रों में चाय की वैज्ञानिक खेती और इसके प्रसंस्करण में मदद कर रहा है. आइआइटी-खडगपुर परिसर स्थित चाय बागान में अनुसंधानकर्ताओं ने प्रदर्शित किया कि कैसे मैदानी इलाकों में भी जैविक चाय की खेती की जा सकती है और फिर किस प्रकार से हाल में पेटेंट प्राप्त ऊर्जा की बचत करने वाली मशीनों के जरिए सस्ते तरीके से चाय पत्तों का प्रसंस्करण किया जा सकता है.

आइआइटी के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमी पार्क (स्टेप) ने परिसर के पास 17 गांवों की पहचान की है जिनमें वाणिज्यिक चाय की खेती जल्दी ही शुरू होगी. स्टेप के प्रबंध निदेशक और जैव-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ सत्यहरि डे ने कहा ‘चाय की खेती नये वैज्ञानिक तरीकों से दक्षिण बंगाल में गैर-पारंपरिक क्षेत्र में शुरू होगी. हम छोटे किसानों को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी.’

चाय बोर्ड द्वारा वित्तपोषित परियोजना के तहत कृषि एवं खाद्य इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विजय चंद्र घोष के नेतृत्व में एक नयी मशीन विकसित की गयी है जो कम जगह घेरती है और इसमें ऊर्जा की खपत कम होती है. घोष ने कहा ‘भारत में यहां तक कि बाहर भी जिस मौजूदा प्रौद्योगिकी का उपयोग होता है वह सदी भर पुरानी है. हमारी प्रौद्योगिकी बेहद नवोन्मेषीय और पेटेंट प्राप्त है. यह चाय प्रसंस्करण की लागत करीब 20-30 प्रतिशत घटाएगा.’

उन्होंने छोटे पैमाने पर चाय का उत्पादन करने वालों को यह प्रौद्योगिकी दिखायी है और उन्हें पसंद आयी. कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन स्माल टी ग्रोअर्स ऐसोसिएशन (सिस्टा) के अध्यक्ष बिजोय गोपाल चक्रवर्ती ने कहा ‘हमें भरोसा है कि यह मशीन लागत कम कर चाय उद्योग में परिवर्तन लाएगी.’

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