कर विवाद से जुडे लंबित मामलों को अगले कुछ दिनों में सुलझायेंगे : वित्त मंत्री

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में कर विवाद के कई मामले न्यायिक या अधिशासी स्तर पर निपटाने की कोशिश करेगी.जेटली ने कहा कि पिछले साल मई में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से कर विवाद के कई मामलों का निपटाया गया है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2015 5:34 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में कर विवाद के कई मामले न्यायिक या अधिशासी स्तर पर निपटाने की कोशिश करेगी.जेटली ने कहा कि पिछले साल मई में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से कर विवाद के कई मामलों का निपटाया गया है और अन्य को अब विराम दियाा जा रहा है.

उन्होंने यहां भारतीय आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा ‘‘उनमें से कई मामलों को निपटाया गया है और हम अगले कुछ दिनों में कई अन्य को निपटाने की कोशिश कर रहे हैं चाहे न्यायिक या अधिशासी समाधान के जरिए.’ उन्होंने हालांकि उन विवादों और समाधानों का ब्योरा नहीं दिया जिन पर काम चल रहा है.
जेटली ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन की प्रणाली तर्कसंगत बनाई गयी है और विवादों को विराम दिया गया है. कई अन्य सुधार कार्यक्रमों पर काम चल रहा है.
उन्होंने कहा जीएसटी सुधार राजनीतिक वजहों से अटका और सरकार दिवालियापन संहिता को लीक पर लाने, प्रमुख अनुबंधों में विवाद निपटान, मध्यस्थता प्रक्रिया में तेजी और सार्वजनिक खरीद कानून के लिए प्रयास कर रही है.
जेटली ने कहा ‘‘ऐसी स्थिति में जबकि रोज-ब-रोज उतार-चढाव का सामना करना पड रहा है .. जहां तक वैश्विक बाजारों का सवाल है …. ऐसे में हम अपनी अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हमारी ऐसे बदलावों को झेलने की क्षमता उल्लेखनीय रूप से बढे.’ वित्त मंत्री ने विनिर्माण क्षेत्र के लिए और निवेश आकर्षित करने की जरूरत पर बल दिया.
जेटली ने कहा ‘‘बिना निवेश के कोई अतिरिक्त आर्थिक गतिविधि नहीं होगी.’ उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता बढाने और कर विवादों के समाधान का काम चल रहा है.
जेटली ने कहा ‘‘भारतीय आर्थिक मॉडल के पुनर्गठन की जरूरत है जिसमें कृषि क्षेत्र में कम संख्या में लोग हों और ज्यादा से ज्यादा लोगों को अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में लगाया जा सके. अधिक लोगों को दूसरे क्षेत्रों से जोडने के लिए आपको तेज वृद्धि दर्ज करने वाले सेवा क्षेत्र, ज्यादा शहरी एवं उपशहरी केंद्रों और बेहद गतिशील विनिर्माण क्षेत्र की जरूरत होगी.’ विश्व बैंक की कारोबार सुगमता में राज्यों की रैंकिंग संबंधी रपट का हवाला देते हुए जेटली ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं था कि गुजरात शीर्ष पर रहेगा लेकिन झारखंड और छत्तीसगढ जैसे आदिवासी राज्यों की अच्छी रैंकिंग और उनकी निवेश आकर्षित करने की कोशिश उल्लेखनीय है. उन्होंने कहा ‘‘बिना निवेश के कोई आर्थिक गतिविधि या कोई अतिरिक्त आर्थिक गतिविधि नहीं हो सकती. अतिरिक्त संसाधन के तौर पर निवेश हमेशा महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से होने वाली बचत का उपयोग बुनियादी ढांचे में निवेश को बढावा देने तथा कृषि क्षेत्र के लिए और संसाधन मुहैया कराने के लिए किया जा रहा है.

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