मुंबई : बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स आज सप्ताह के पहले दिन गिरावट के साथ खुला और शुरुआती कारोबार में करीब 213 अंक टूटकर 26,006 अंक पर पहुंच गया. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 57 अंक टूटकर 8000 के नीचे आ गया है. मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयरों में भी स्थिति अच्छी नहीं है. मिडकैप के शेयर 15 अंकों की गिरावट के साथ काम कर रहा है. वहीं स्मॉलकैप के शेयर 11 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. रविवार को विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि अवकाश वाले कम दिनों के सप्ताह के दौरान शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से उतार-चढाव रह सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा बाजार की दिशा विदेशी निवेशकों के निवेश के रुख और रुपये के उतार-चढाव से तय होगी. इस बार सप्ताह के दौरान चार दिन ही कारोबार होगा. शुक्रवार को बकरीद के मौके पर बाजार में अवकाश रहेगा. रेलिगेयर सिक्योरिटीज के खुदरा वितरण अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, ‘हालांकि, इस सप्ताह कोई प्रमुख आंकडे नहीं आने हैं, लेकिन बाजार में उतार-चढाव रह सकता है. बृहस्पतिवार को सितंबर माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटाने से कारोबारी वायदा एवं विकल्प खंड में अपने सौदों को आगे ले जाएंगे या उनका निपटान करेंगे, इससे बाजार में उतार-चढाव रहेगा.’
इसके अलावा मानसून संबंधी ताजा सूचनाओं तथा मुद्रा के उतार-चढाव से भी काफी हद तक बाजार प्रभावित रह सकता है. कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च के निदेशक शोध सीएमटी विवेक गुप्ता ने कहा, ‘निकट भविष्य में बाजार की दिशा कच्चे तेल की कीमतों, डालर के मुकाबले रुपये के उतार-चढाव और वैश्विक बाजार धारणा पर निर्भर करेगी. डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान से पहले बाजार में उतार-चढाव रह सकता है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा 29 सितंबर को आनी है, जिससे निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय होगी.’
बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 608.7 अंक चढकर 26,218.91 अंक पर पहुंच गया. इस साल की शुरुआत से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों में शुद्ध रूप से 23,961 करोड रुपये और ऋण बाजारों में 37,654 करोड रुपये का निवेश किया. रेलिगेयर सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा कि अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व का घटनाक्रम सामने नहीं है ऐसे में निवेशकों का ध्यान एक बार फिर वैश्विक आर्थिक वृद्धि की चुनौतियां पर रहेगा. अब सभी की निगाह 29 सितंबर को आने वाली केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर है. अग्रवाल ने कहा कि निकट भविष्य में सितंबर के वायदा एवं विकल्प निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढाव रहेगा.
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