फाक्सवैगन की कारस्तानी, 1.1 करोड़ कारों में लगाये प्रदूषण जांच को चकमा देने वाले उपकरण
फ्रेंकफर्त: जर्मनी की प्रमुख वाहन कंपनी फाक्सवैगन ने आज कहा कि दुनिया भर में उसकी 1.1 करोड डीजल कारों में ऐसे उपकरण लगे थे जो कि प्रदूषण परीक्षणों को चकमा दे सकते हैं.उल्लेखनीय है कि दुनिया की यह प्रमुख वाहन कंपनी अपने वाहनों में प्रदूषण परीक्षणों को चकमा देने वाले उपकरण (पोल्यूशन चीटिंग डिवाइस) लगाने […]
फ्रेंकफर्त: जर्मनी की प्रमुख वाहन कंपनी फाक्सवैगन ने आज कहा कि दुनिया भर में उसकी 1.1 करोड डीजल कारों में ऐसे उपकरण लगे थे जो कि प्रदूषण परीक्षणों को चकमा दे सकते हैं.उल्लेखनीय है कि दुनिया की यह प्रमुख वाहन कंपनी अपने वाहनों में प्रदूषण परीक्षणों को चकमा देने वाले उपकरण (पोल्यूशन चीटिंग डिवाइस) लगाने के घोटाले से घिरी है. आज की नई घोषणा से कंपनी के शेयरों में तत्काल 20 प्रतिशत तक की और गिरावट आयी.
फ्रांस से लेकर दक्षिण कोरिया और अमेरिका तक के अधिकारियों ने जांच की घोषणा की है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. फाक्सवैगन ने कहा है कि वह तीसरी तिमाही में 7.3 अरब डालर का प्रावधान कर रही है ताकि घोटाले के कारण आने वाली किसी लागत की भरपाई की जा सके.फ्रेंकफर्त स्टाक एक्सचेंज में कंपनी के शेयर सोमवार केा 17 प्रतिशत टूटे थे. आज कारोबार के दौरान इनमें 23 प्रतिशत की और गिरावट आयी. नये खुलासे तथा कंपनी द्वारा अपने मुनाफे परिदृश्य में कमी करने की चेतावनी से निवेशकों में चिंता देखने को मिली.
फाक्सवैगन ने एक बयान में कहा है, आगे विभागीय जांच में पता चला है कि सम्बद्ध साफ्टेवयर अन्य डीजल वाहनों में भी लगाया गया था. इसके अनुसार, वैश्विक स्तर पर एक इंजिन विशेष वाली 1.1 करोड कारों में विसंगति पाई गयी है.अपने वाहनों में प्रदूषण जांच को चकमा देने वाले उपकरणों के घोटाले में फंसी जर्मनी की प्रमुख वाहन कंपनी फाक्सवैगन ने आज स्वीकार किया कि दुनिया भर में उसकी 1.1 करोड डीजल कारों में ऐसे उपकरण लगे थे. इसके साथ ही कंपनी ने अपने मुनाफे के परिदृश्य को लेकर चेतावनी जारी की है.
फाक्सवैगन ने एक बयान में कहा है कि वह 7.3 अरब डालर का प्रावधान कर रही है ताकि घोटाले के कारण आने वाली किसी लागत की भरपाई की जा सके. इस घोटाले से जहां फाक्सवैगन की साख को चूना लगा है वहीं इसके सीईटो मार्टिन विंटरकोर्न की भविष्य को लेकर सवाल लगाए जा रहे हैं और कंपनी के शेयर लुढक गए हैं.
इस बयान से फाक्सवैगन के शेयर की कीमत में आज 18.7 प्रतिशत की और गिरावट आई और वे लगभग चार साल के निचले स्तर 108.75 यूरो पर आ गये. कल कंपनी का शेयर 17 प्रतिशत लुढका था. बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देखा जाए तो दो दिन में ही कंपनी को 25 अरब यूरो का नुकसान हो चुका है.
उल्लेखनीय है कि इस मामले का खुलासा शुक्रवार को अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने किया था. इसके बाद कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने जानबूझकर ऐसे साफ्टवेयर लगाए ताकि आधिकारिक उत्सर्जन जांच के इंजिन स्वच्छ मोड पर चला जाए.कंपनी का कहना है कि यह विसंगति ईए 189 इंजिनों से जुडी है और दुनिया भर में लगभग 1.1 करोड वाहनों से सम्बद्ध है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.