मुंबई : सेबी ने पीएसीएल तथा उसके चार निदेशकों पर लोगों से गलत तरीके और धोखाधडी कर धन जुटाने के मामले में 7,269.5 करोड रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी द्वारा लगाया गया यह अब तक का सबसे बडा जुर्माना है. सेबी ने कहा है कि आम आदमी के साथ जिस बडे पैमाने पर धोखाधडी की गयी है उसमें कंपनी पर ‘अधिकतम जुर्माना’ बनता है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीएसीएल से 15 साल की अवधि में गलत तरीके से जुटाये गये 49,100 करोड रुपये लोगों को वापस करने को कहा था.
पीएसीएल ने इस मामले में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के पास अपील की थी. न्यायाधिकरण ने पिछले महीने धन वापसी के आदेश को बरकरार रखा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आज अपने ताजा आदेश में कहा कि पीएसीएल ने गलत तरीके से बडे पैमाने पर धन संग्रह किया. इससे कंपनी को एक साल से भी कम अवधि में 2,423 करोड रुपये से अधिक का लाभ हुआ.
नियामक ने कहा, ‘पूरे मामले और परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इससे कोई बेहतर मामला नहीं हो सकता जो अधिकतम जुर्माने का हकदार है.’ बाजार को कडा संदेश देते हुए सेबी ने कहा, ‘हाल में कई इकाइयां विभिन्न योजनाओं के जरिये अवैध तरीके से धन जुटाने में शामिल रहे हैं और आम लोगों की गाढी मेहनत की कमाई को चूना लगाया.’ नियामक ने कहा, ‘इसीलिए इस मामले में भारी जुर्माना लगाने की दरकार है.’
सेबी नियमों के तहत वह 25 करोड रुपये या धोखाधडी तथा अनुचित व्यापार गतिविधियों में शामिल इकाइयों से उनके मुनाफे का तीन गुना जुर्माना लगा सकता हैं इस मामले में नियामक ने अवैध कमाई का तीन गुना जुर्माना लगाया है. सेबी ने कहा कि उसकी जांच में यह पाया गया है कि पीएसीएल तथा उसके चार निदेशक त्रलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह तथा सुब्रत भट्टाचार्य. ने आम लोगों से कृषि जमीन खरीदने और उसके विकास के नाम पर सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये अवैध तरीके से धन संग्रह किये.
पीएसीएल तथा उसके निदेशकों को 45 दिन के भीतर जुर्माना देने को कहा गया है. कंपनी जमीन खरीद योजना चला रही थी और इसके नाम पर लोगों से धन जुटाया. कंपनी ने अत्यधिक रिटर्न का भरोसा दिलाकर 15 साल की अवधि में 5.85 करोड ग्राहकों से 49,100 करोड रुपये संग्रह किये. यह राशि एवं निवेशकों की संख्या के लिहाज से अबतक की सबसे बडी अवैध सामूहिक निवेश योजना है.
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