स्वच्छ भारत के लिए पेट्रोल और दूरसंचार सेवाएं महंगे करने की तैयारी

राज्‍यों ने दिया दूरसंचार व पेट्रोल पर उपकर लगाने का सुझाव नयी दिल्ली : स्वच्छ भारत पर मुख्यमंत्रियों के उप समूह ने स्वच्छता कार्यक्रम को लागू करने के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते दूरसंचार सेवाओं, पेट्रोल एवं कोयला व लौह अयस्क जैसे खनिजों पर उपकर लगाने की सिफारिश की है. साथ ही उप समूह ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2015 12:48 PM

राज्‍यों ने दिया दूरसंचार व पेट्रोल पर उपकर लगाने का सुझाव

नयी दिल्ली : स्वच्छ भारत पर मुख्यमंत्रियों के उप समूह ने स्वच्छता कार्यक्रम को लागू करने के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते दूरसंचार सेवाओं, पेट्रोल एवं कोयला व लौह अयस्क जैसे खनिजों पर उपकर लगाने की सिफारिश की है. साथ ही उप समूह ने प्रति शौचालय 15,000 रुपये की निर्माण सहायता उपलब्ध कराने और उन लोगों पर चुनाव लडने से रोक लगाने को भी कहा है जिनके मकानों में शौचालय नहीं हैं.

उप समूह के संयोजक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू ने संवाददाताओं को बताया, ‘भारत सरकार को अगले पांच साल में ‘स्वच्छ भारत’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते दूरसंचार सेवाओं, पेट्रोल, डीजल, लौह अयस्क आदि पर उपकर लगाना होगा.’ उप समूह की बैठक के बाद नायडू ने कहा, ‘उप समूह ने नीति आयोग को समूह की सिफारिशों पर अगले दस दिन में रिपोर्ट तैयार करने को कहा है और फिर सभी मुख्यमंत्री रिपोर्ट जमा करने के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगेंगे.’

केंद्रीय अनुदान बढाकर 60 फीसदी करने की मांग

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की परियोजनाओं को वहनीय बनाने के लिये केंद्र की तरफ से दिये जाने वाले अनुदान को 20 प्रतिशत से बढाकर कम से कम 60 प्रतिशत किये जाने की मांग की. मुख्यमंत्री रावत ने यह मांग नयी दिल्ली में नीति आयोग भवन में स्वच्छ भारत अभियान हेतु गठित मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की बैठक में की.

बैठक में रावत ने शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालयों के लिए निर्धारित प्रति यूनिट केंद्रांश चार हजार रुपये से बढाकर ग्रामीण क्षेत्रों की भांति 12 हजार रुपये करने तथा पर्वतीय शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों के लिए प्रति यूनिट निर्धारित मानक 65 हजार रुपये से बढाकर एक लाख 25 हजार रुपये करने की भी मांग की. स्वच्छ भारत अभियान के लिए संस्थागत ढांचे के संबंध में सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में कैबिनेट सचिव स्तर पर महत्वपूर्ण विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जाए जिसमें प्रत्येक विभाग की भूमिका व स्वच्छता के लिए बजट आवंटन के अलावा उसका उपयोग भी स्पष्ट हो.

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