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Modi In America : वॉल स्‍ट्रीट के टॉप सीइओ स्टार्ट अप्स में निवेश के इच्छुक

न्यूयार्क : वॉल स्‍ट्रीटके शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीइओ) ने भारत में स्टार्ट अप्स (शुरुआत करने वाली कंपनियों) में निवेश की इच्छा जतायी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की तर्ज पर स्टार्ट अप्स को एक नया नाम ‘व्यक्तिगत क्षेत्र’ दिया है. प्रधानमंत्री ने आज यहां वित्तीय क्षेत्र की अमेरिकी कंपनियों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2015 7:48 AM

न्यूयार्क : वॉल स्‍ट्रीटके शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीइओ) ने भारत में स्टार्ट अप्स (शुरुआत करने वाली कंपनियों) में निवेश की इच्छा जतायी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की तर्ज पर स्टार्ट अप्स को एक नया नाम ‘व्यक्तिगत क्षेत्र’ दिया है. प्रधानमंत्री ने आज यहां वित्तीय क्षेत्र की अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों के साथ गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान में कहा गया है, ‘कई मुख्य कार्यकारियों ने भारत के स्‍टार्ट अप क्षेत्र के प्रति काफी रुचि दिखाई. उन्‍होंने उद्यमों व नवोन्मेषी स्टार्ट अप्स में निवेश की मंशा जताई है.’

देश के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढाने की बात को जोरदार तरीके से रखते हुए मोदी ने आज ‘स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया’ पर अपने दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया. बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ वह व्यक्तिगत स्टार्ट अप्स और उद्यमियों पर जोर दे रहे हैं. मोदी ने इसे ‘व्यक्तिगत क्षेत्र’ (पर्सनल क्षेत्र) का नाम दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स और नवोन्मेषण सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के ह्दय में है.

अमेरिकी मुख्य कार्यकारियों ने प्रधानमंत्री द्वारा भारत में कारोबार में सुगमता के लिए उठाये गये कदमों की सराहना की. इसके अलावा उन्होंने बुनियादी ढांचा विकास और डिजिटल इंडिया पहल का भी स्वागत किया. मुख्य कार्यकारियों ने हालांकि कहा कि भारत में निवेश के संबंध में कराधान और अफसरशाही की अडचनें अभी भी चिंता का विषय हैं. प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि गोलमेज में सभी मुख्य कार्यकारियों ने न केवल भारत की संभावनाओं के बारे में बोला, बल्कि उन्‍होंने उसमें भरोसा भी जताया.

इस बैठक में जेपी मॉर्गन के चेयरमैन, सीइओ और अध्यक्ष जेमी डिमोन, ब्लैकस्टोन के चेयरमैन, सीइओ और सह संस्थापक स्टीव श्वार्जमैन, वारबर्ग पिन्कस के सह मुख्य कार्यकारी चार्ल्स केई, केकेआर के सह चेयरमैन एवं सह सीइओ हेनरी क्राविस, जनरल अटलांटिक के सीइओ बिल फोर्ड, एआईजी इंश्योरेंस के अध्यक्ष एवं सीइओ पीटर हैन्कॉक, टाइगर ग्लोबल के सह संस्थापक एवं प्रबंधकीय भागीदार चेज कोलमैन, एनवाई स्टेट कॉमन रिटायरमेंट फंड के मुख्य निवेश अधिकारी विक्की फुलर मौजूद थे. गोलमेज में प्रधानमंत्री ने पिछले 15 माह के दौरान हासिल आर्थिक सफलताओं का जिक्र किया.

उन्‍होंने कहा कि इस अवधि में देश में विदेशी निवेश का प्रवाह उल्लेखनीय रूप से बढा है. यह वैश्विक स्तर पर चल रहे रुख से उलट है. इसे निवेशकों के भारत के प्रति भरोसे का पता चलता है. प्रधानमंत्री ने राज्यों की कारोबार में सुगमता रैंकिंग का भी जिक्र किया. यह रैंकिंग विश्व बैंक ने तैयार की है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में राज्यों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है. इसके अलावा मोदी ने एलपीजी सब्सिडी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना का भी जिक्र किया. यह दुनिया में सबसे बडी डीबीटी योजना बन चुकी है.

प्रधानमंत्री ने कुछ विशेष क्षेत्रों का उल्लेख किया जहां नवोन्मेषी समाधान के लिए काफी संभावनाएं हैं. इनमें कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बीमा उत्पाद शामिल हैं. उन्होंने अमेरिकी मुख्य कार्यकारियों को बताया कि भारत के रक्षा विनिर्माण, इलेक्ट्रानिक्स सामान विनिर्माण, अक्षय ऊर्जा उपकरण, रेलवे और मेट्रो, स्वच्छ भारत और डिजिटल इंडिया जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं. मोदी ने कहा कि सरकार ने 2022 तक पांच करोड नये मकान, छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोडने, रेलवे क्षमता को दोगुना करने और 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन जैसे लक्ष्य तय किये हैं. इससे निवेश के व्यापक अवसर पैदा हुए हैं.

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