नरेंद्र मोदी ने सीइओ से कहा : शासनात्मक सुधार पहली प्राथमिकता
न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4.5 खरब डॉलर की नेट वर्थ वाली शीर्ष अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में कहा कि शासनात्मक सुधार उनकी पहली प्राथमिकता है. पिछले एक साल में अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का तथ्यपरक ब्यौरा पेश करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने फॉर्च्यून 500 […]
न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4.5 खरब डॉलर की नेट वर्थ वाली शीर्ष अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में कहा कि शासनात्मक सुधार उनकी पहली प्राथमिकता है. पिछले एक साल में अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का तथ्यपरक ब्यौरा पेश करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने फॉर्च्यून 500 कंपनियों के 40 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को रात्रि भोज के दौरान बताया, ‘शासनात्मक सुधार मेरी पहली प्राथमिकता है. हम आसान प्रक्रियाएं, त्वरित निर्णय, पारदर्शिता और जवाबदेही चाहते हैं.’
इस आयोजन में शामिल होने वाले फॉर्च्यून 500 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में लॉकहीड मार्टिन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैरिलिन ह्यूसन, फोर्ड अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क फील्ड्स, आइबीएम अध्यक्ष गिन्नी रोमेटी, पेप्सी कॉ की प्रमुख इंदिरा नूयी और डाव केमिकल के अध्यक्ष एंड्रयू लिवेरिस शामिल थे. रात्रि भोज में उपस्थित इनमें से कुछ मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने इसे ‘रिपोर्ट कार्ड’ की संज्ञा दी और कहा कि यह मोदी सरकार की अधिक पारदर्शिता को दर्शाता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘आप जो कर रहे हैं, कृपया वह करना जारी रखें. हो सके तो थोडा तेजी से ही.’ पूरे दिन चली बैठकों के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए अमेरिका में भारत के राजदूत अरुण के सिंह ने कहा कि कुछ मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा की गयी टिप्पणियों में यह कहा गया कि पिछले एक साल में बहुत प्रगति की गयी है लेकिन इसका सटीक आकलन और जानकारी नहीं दी गयी है. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वभर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश घटा है लेकिन भारत में यह 40 प्रतिशत बढा है.
मोदी ने कहा, ‘यह भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास दिखाता है.’ बैठक के दौरान स्वरुप ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कक्ष में मौजूद प्रत्येक मुख्य कार्यकारी अधिकारी की बात सुनी कि भारत के लिए उनकी क्या योजनाएं हैं और वे किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है. भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘मोटे तौर पर माहौल सकारात्मक था. यह आम सहमति है कि प्रधानमंत्री भारत में बदलाव पर प्रभाव डाल रहे हैं. सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने जो एक बात कही, वह यह थी- कृपया वह बदलाव तेजी से लाइए.’
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