।। बिजनेस डेस्क ।।
मुंबई : आर्थिक वृद्धि को बढावा देने और कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने आज मुख्य नीतिगत दर 0.50 प्रतिशत घटा दी. इसके साथ ही बैंक ने आवास ऋण लेने वालों के लिए मानदंडों में ढील भी दी है. रिजर्व बैंक ने आज जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में तुरंत प्रभाव से मुख्य नीतिगत दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 6.75 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले जून में इसे चौथाई फीसद घटाकर 7.25 प्रतिशत किया गया था. इस कटौती के बाद गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि इसे दीवाली का बोनस नहीं समझा जाना चाहिए. सभी बैंक यह सुनिश्चित करें कि कर्जदारों को पूरी कटौती का लाभ मिले.
पिछले तीन कटौतियों के बाद भी कई बैंकों ने ब्याज दरों में बड़ी गिरावट नहीं की. कुछेक बैंकों ने मात्र कुछ बेसिस अंकों की कटौती कर अपना पल्ला छाड़ लिया. वहीं इस बार की कटौती के बाद रेपो रेट 6.75 फीसदी पर आ गया है, ऐसे में होम लोक काफी सस्ता होने की उम्मीद है. रेट कट को लेकर तमाम अटकलों को खारिज करते हुए रिजर्व बैंक ने यह चौकाने वाला फैसला किया है. रिजर्व बैंक की ओर से मुख्य नीतिगत दर में कटौती से व्यक्तिगत ऋण एवं कारपोरेट ऋण दरों में कटौती होगी. जिससे आवास, वाहन एवं कारपोरेट ऋण सस्ता हो जाएगा. हालांकि सीआरआर दरों को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है.
क्या है रेपो रेट
रेपो रेट ऐसे ब्याज दर को कहा जाता है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को लोन उपलब्ध कराता है. रेपो रेट में कमी से बैंकों को कम ब्याज देना पड़ता है. बैंकों का ब्याज कम होने से आम लोगों को फायदा होता है.
रिवर्स रेपो रेट
रिवर्स रेपो रेट वह होता है जिसे कभी बैंकों के पास दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकम बचे तो उसे वह रिजर्व बैंक में जमा कर देते हैं. इस पर आरबीआइ उन्हें ब्याज देता है. रिजर्व बैंक इस ओवरनाइट रकम पर जिस दर से ब्याज अदा करता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं.
क्या होता है सीआरआर
सीआरआर के लिए देश में एक नियम बनाया गया है जिसके तहत हर बैंक को अपनी कुल कैश रिजर्व का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा रखना होता है. जिसे नकद आरक्षित अनुपात अर्थात सीआरआर कहा जाता है.
जानें विभिन्न बैंक में अभी होम लोन का क्या हैं दरें
बैंक का नाम | ब्याज दरें (महिला) | ब्याज दरें (अन्य) |
भारतीय स्टेट बैंक | 9.75 से 9.95 फीसदी | 9.75 से 10 फीसदी |
एचडीएफसी बैंक | 9.85 से 10.35 फीसदी | 9.90 से 10.40 फीसदी |
आइसीआइसी बैंक | 9.85 फीसदी | 10 फीसदी |
बैंक ऑफ इंडिया | 9.95 फीसदी | 9.95 फीसदी |
पंजाब नेशनल बैंक | 10 फीसदी | 10 फीसदी |
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