एनी बेसेंट की जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल
नयी दिल्ली : विदेशी होने के बावजूद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका अदा करने वाली और देश में स्वशासन की मजबूत पैरोकार, ब्रिटिश समाजवादी, महिला अधिकार कार्यकर्ता और लेखक एनी बेसेंट की 168 वीं जयंती पर अग्रणी सर्च इंजन गूगल ने एनिमेटेड डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. इस मौके को खास बनाने के […]
नयी दिल्ली : विदेशी होने के बावजूद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका अदा करने वाली और देश में स्वशासन की मजबूत पैरोकार, ब्रिटिश समाजवादी, महिला अधिकार कार्यकर्ता और लेखक एनी बेसेंट की 168 वीं जयंती पर अग्रणी सर्च इंजन गूगल ने एनिमेटेड डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. इस मौके को खास बनाने के लिए डूडलर लीडिया निकोलस ने यह डूडल बनाया है. सर्च इंजन के होमपेज पर कंपनी के लोगो के स्थान पर लगी इस तस्वीर की पृष्ठभूमि समुद्री हरे रंग की है. मटमैले रंग से गूगल अंकित है. बीच में एनी बेसेंट को प्रसन्नचित मुद्रा में कुर्सी पर बैठे दिखाया गया है. उनके हाथों में ‘नया इंडिया’ का एक संस्करण है.
भारत के स्वशासन की पक्षधर बेसेंट का जन्म वर्ष 1847 में हुआ था. वह लंदन में लंबे समय तक सामाजिक गतिविधियों से जुडी रहीं. वह प्रभावी वक्ता भी थीं. बेसेंट 16 नवंबर 1893 को मद्रास के अडयार में थियोसोफिकल सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आयीं. उन्होंने वर्ष 1898 में वाराणसी में सेंट्रल हिंदू कॉलेज की स्थापना की. इसके बाद बेसेंट भारतीय राजनीति का हिस्सा बनीं.
पहले विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1914 में उन्होंने भारत में लोकतंत्र के लिए होम रुल लीग की शुरुआत की वकालत की. इसी साल जनवरी में उन्होंने साप्ताहिक समाचार पत्र ‘कॉमनविल’ की स्थापना की और इसी वर्ष ‘मद्रास स्टैंडर्ड’ को खरीद कर उसे ‘न्यू इंडिया’ नाम दिया. इस पत्र से उन्होंने बाद में भारत की आजादी के लिए तूफानी प्रचार किया. इसके बाद वह वर्ष 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं. 20 सितंबर 1933 को ऐनी बेसेंट का अडयार में निधन हो गया.
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