अगस्त में पांच क्षेत्रों के निर्यात में 25 प्रतिशत गिरावट

नयी दिल्ली: वैश्विक मांग में नरमी के बीच अगस्त माह में पांच प्रमुख क्षेत्रों – इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, रत्न एवं आभूषण, कपडा एवं दवा में निर्यात करीब 25 प्रतिशत घटकर 13.33 अरब डालर रह गया.देश के कुल वस्तु निर्यात में वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान इन पांच क्षेत्रों का योगदान करीब 65 प्रतिशत रहा.पिछले साल अगस्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2015 5:48 PM

नयी दिल्ली: वैश्विक मांग में नरमी के बीच अगस्त माह में पांच प्रमुख क्षेत्रों – इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, रत्न एवं आभूषण, कपडा एवं दवा में निर्यात करीब 25 प्रतिशत घटकर 13.33 अरब डालर रह गया.देश के कुल वस्तु निर्यात में वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान इन पांच क्षेत्रों का योगदान करीब 65 प्रतिशत रहा.पिछले साल अगस्त में इन क्षेत्रों से 17.79 अरब डालर का निर्यात किया.

वाणिज्य मंत्रालय के अस्थाई आंकडों के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम एवं कपडा क्षेत्र में संकुचन हुआ जबकि रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में 2.66 प्रतिशत और दवा क्षेत्र में छह प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज हुई.वित्त वर्ष 2014-15 में इन खंडों से 202.15 अरब डालर का निर्यात हुआ था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश का कुल निर्यात 310.5 अरब डालर था.
भारतीय निर्यात संगठनों के परिसंघ (फियो) ने कहा कि ये श्रम केंद्रित क्षेत्र हैं और सरकार को निर्यात में गिरावट पर नियंत्रण की पहल की घोषणा करनी चाहिए.भारत के कुल वस्तु निर्यात में गिरावट में इन क्षेत्रों से होने वाले निर्यात का मुख्य योगदान रहा. निर्यात में गिरावट बरकरार रहने से चिंतित वाणिज्यि मंत्रालय ने 7 अक्तूबर को निर्यातकों की बैठक बुलाई है ताकि निर्यात में गिरावट रोकी जा सके.
भारत ने 2020 तक वस्तु एवं सेवा निर्यात 900 अरब डालर करने और वैश्विक निर्यात में देश की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से बढाकर 3.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान निर्यात करीब 300 अरब डालर के आसपास रहा है. निर्यात में लगातार गिरावट से रोजगार प्रभावित होने और चालू खाते के घाटे पर दबाव पडने की उम्मीद है.

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