न्यूयार्क : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि घरेलू काले धन की समस्या का हल करों को तर्कसंगत बनाकर तथा बैंकिंग के दायरे में और अधिक लोगों को लाने के अलावा कुछ अन्य उपायों के जरिए जा सकता है. कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान में जेटली ने कहा, ‘पहली बात तो यह है कि आप अपनी दरों को तर्कसंगत करें और करों की तर्कसंगत दर करें, जिससे आपको लोगों से इसका अनुपालन कराने में मदद मिलेगी.’ उन्होंने कहा कि दूसरी चीज यह कि अर्थव्यवस्था का स्वभाव खुद बदल रहा है इसलिए अधिक से अधिक बैंकिंग लेनदेन , भुगतान द्वार एक हकीकत हैं. इसके परिणास्वरुप काफी अर्थव्यवस्था बैंकिंग लेने देन से गुजरने वाली है.
जेटली ने कहा कि इसके अतिरिक्त सरकार बजट में पहले ही कह चुकी है कि यह कुछ तरह के वित्तीय लेन देन के लिए एक विशेष सीमा पर पैन कार्ड अनिवार्य बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि जहां तक कॉरपोरेट कर की बात है एक बार जब कॉरपोरेट कर नीचे जाएगा तो फिर छूट चरणबद्ध तरीके से खत्म हो जाएंगी.
संसद में अटके पडे जीएसटी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. भारत ने पिछले साल 7. 3 की दर से आर्थिक वृद्धि की. जेटली ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि इस साल इससे कुछ बेहतर वृद्धि दर रखेंगे. उम्मीद है कि भारत के लिए सामान्य वृद्धि दर आठ या नौ प्रतिशत होनी चाहिए. निर्णय लेने वालों पर दबाव बन रहा है कि जितनी तेज आप चलेंगे उतना ही बेहतर सरकार के लिए होगा.
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