नयी दिल्ली: बिजली के दाम में धीरे-धीरे वृद्धि पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि घाटे में चल रही वितरण कंपनियों को उबारने के लिये बिजली दरों को बढाना एकमात्र रास्ता नहीं है. बिजली मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र राज्यों के साथ मिलकर इस समस्या के स्थायी समाधान के लिये काम कर रहा है.
इंडियन वुमेन्स प्रेस कार्प (आईडब्ल्यूपीसी) द्वारा आयोजित एक परिचर्चा के दौरान गोयल ने कहा, ‘‘हम एक नया तरीका निकालने की कोशिश कर रहे हैं कि एकबारगी बढोतरी के बजाए कैसे लंबी अवधि में धीरे-धीरे दरों में वृद्धि की जा सकती है.’ उन्होंने कहा कि बिजली की जो भी वाजिब लागत होगी और नियामकीय व्यवस्था के तहत जो भी वृद्धि जरुरी होगी लोग उसका भुगतान करेंगे.
गोयल ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने के लिये बिजली दरों में वृद्धि एकमात्र हल नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी लगभग उन सभी राज्यों के कई दौर की बातचीत हो चुकी है जहां समस्या है. ये राज्य झारखंड है, तमिलनाडु है, आंध्र प्रदेश है, तेलंगाना है, मध्य प्रदेश हैं. हम सभी राज्यों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं और समस्या के हल की दिशा में काम कर रहे हैं.’
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