चीनी के उत्पादन में कमी ,बढ़ सकती है कीमत
नयी दिल्ली: सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में देश का कुल चीनी उत्पादन लगभग 2.6 करोड टन रहने का अनुमान आज लगाया जो कि पिछले साल की तुलना में 20 लाख टन कम है. सरकार ने कमजोर मानसून के कारण महाराष्ट्र व कर्नाटक में उत्पादन में कमी की संभावना के मद्देनजर यह अनुमान लगाया है. […]
नयी दिल्ली: सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में देश का कुल चीनी उत्पादन लगभग 2.6 करोड टन रहने का अनुमान आज लगाया जो कि पिछले साल की तुलना में 20 लाख टन कम है. सरकार ने कमजोर मानसून के कारण महाराष्ट्र व कर्नाटक में उत्पादन में कमी की संभावना के मद्देनजर यह अनुमान लगाया है.
केंद्र सरकार का यह अनुमान राज्य सरकारों के अनुमानों से तो मेल खाता है लेकिन उद्योग संगठन इसमा के अनुमान से काफी कम है. इसमा ने इस साल चीनी उत्पादन 2.7 करोड टन रहने का अनुमान लगाया है.
देश में 2014-15 विपणन वर्ष :अक्तूबर सितंबर: में 2.81 करोड टन चीनी का उत्पादन किया था। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बडा चीनी उत्पादक है. खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज राज्यों के गन्ना आयुक्तों की बैठक के बाद कहा,‘ विपणन वर्ष 2015-16 में चीनी का उत्पादन लगभग 2.6 करोड टन रहने का अनुमान है जो कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा. ‘ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र व कर्नाटक में उत्पादन में संभावित कमी के कारण मुख्य रुप से आलोच्य विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन में दो लाख टन से अधिक की गिरावट आएगी। कमजोर मानसून के कारण इन राज्यों में गन्ना का उत्पादन कम रहने की संभावना है.
महाराष्ट्र देश का प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं उसने 2015-16 विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन घटकर 86 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है जो कि पिछले साल 1.051 करोड टन रहा था.
महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कमजोर बारिश के कारण 2015-16 में गन्ने का उत्पादन घटकर 8.36 करोड टन रहना अनुमानित है जो कि पिछले साल 10.22 करोड टन था. इसी तरह कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 2015-16 विपणन वर्ष में घटकर 40 लाख टन रहना अनुमानित है जो कि पिछले साल 50 लाख टन रहा था.
महाराष्ट्र व कर्नाटक में गन्ने की फसल बहुत कुछ बारिश पर निर्भर है जबकि उत्तर प्रदेश में यह सिंचाई आधारित है. देश के दूसरे सबसे बडे चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 2015-16 में पिछले साल के स्तर 72 लाख टन पर रहना अनुमानित है.
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरु में केंद्र सरकार को सूचित किया था कि चीनी उत्पादन इस साल पांच लाख टन अधिक रह सकता है लेकिन आज की बैठक में सरकार ने कहा कि 2015-16 में चीनी उत्पादन पिछले साल के स्तर 72 लाख टन पर ही रहेगा.
सूत्रों के उनसार, ‘बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार से कहा गया कि गन्ने के बुवाई क्षेत्र के मद्देनजर गन्ने का उत्पादन उंचे रहने के अनुमान के मद्देनजर वह अपने अनुमानों पर फिर से काम करे. ‘ कृषि मंत्रालय के पहले अनुमानों के हिसाब से 2015-16 फसल वर्ष जुलाई -जून में गन्ना उत्पादन घटकर 34.143 करोड टन रहेगा जो पिछले साल 35.93 करोड टन था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.