दूरसंचार विभाग ने मानी राव की राय

नयी दिल्ली: दूरसंचार मंत्रालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने केवल 122 लाइसेंस रद्द किये न कि 141 लाइसें. जीएसएम प्रद्योगिकी आधारित सेवा देने वाली दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओएआई तथा अन्य ने दावा किया था कि न्यायालय ने 141 लाइसेंस रद्द किये है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.दूरसंचार विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2013 8:18 PM

नयी दिल्ली: दूरसंचार मंत्रालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने केवल 122 लाइसेंस रद्द किये न कि 141 लाइसें. जीएसएम प्रद्योगिकी आधारित सेवा देने वाली दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओएआई तथा अन्य ने दावा किया था कि न्यायालय ने 141 लाइसेंस रद्द किये है.

सूत्रों ने यह जानकारी दी.दूरसंचार विभाग का यह निर्णय टाटा टेलीसर्विसेज के लिये राहत है.सीओएआई तथा अन्य ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने 2जी सेवा के 141 लाइसेंस रद्द किये हैं न कि 122 जैसा कि सरकारी निकाय मान रहे हैं. संगठन के अनुसार न्यायालय ने जो लाइसेंस रद्द किये हैं उसमें टाटा टेलीसर्विसेज के 19 लाइसेंस शामिल हैं. इसके बाद दूरसंचार विभाग ने इस मामले में कानूनी राय मांगी थी.

राव ने 2जी मामले में उच्चतम न्यायालय में दूरसंचार विभाग का प्रतिनिधित्व किया था. सूत्रों के अनुसार राव ने अपनी राय में कहा है, ‘‘एसोचैम, टीयूजी, सीओएआई तथा आइडिया सेल्यूलर समेत कुछ समूह का फैसले के बारे में कहा है कि 141 दूरसंचार लाइसेंस रद्द हुए हैं न कि 122 लाइसेंस. यह सही नहीं है.’’ आधिकारिक सूत्र के अनुसार, ‘‘वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव की राय को स्वीकार कर लिया गया है.’’ इस बारे में फिलहाल टाटा टेलीसर्विसेज से कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है.

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