नयी दिल्ली : केंद्र और राज्यों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कर कानून और एकीकृत-जीएसटी (आईजीएसटी) कानून का मसौदा तैयार कर लिया है जिसे नवंबर की शुरुआत में सार्वजनिक किया जाएगा. एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति की बैठक इस महीने होनी है जिसमें इन विधेयकों – सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और एकीकृत जीएसटी) के विधेयकों के मसौदे पर चर्चा होनी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी कानून और आईजीएसटी कानून का प्रारुप राज्यों के पास भेजा जा चुका है. अधिकार प्राप्त समिति जल्दी ही उनपर चर्चा करेगी.’
केंद्रीय जीएसटी माडल जीएसटी विधेयक के प्रारुप पर आधारित होगा. साथ ही सभी राज्य एसजीएसटी के माडल के आधार पर अपने एसजीएसटी के मसौदे तैयार करेंगे. अधिकारी ने कहा ‘व्यापार एवं उद्योग जगत भी कानून बनाने की चर्चा का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि आखिरकार उन्हें ही कर अदा करना होता है. इस तरह उनके विचार आवश्यक हैं. नवंबर के पहले सप्ताह में ये मसौदे वेबसाइट पर डाले जाएंगे.’
अधिकारी ने कहा, प्रस्तावित विधेयकों का मसौदा तीन सिद्धांतों पारिभाषिक स्पष्टता, आकलन में निश्चितता और कारोबार सुगमता का संवर्द्धन पर आधारित है. अधिकारी ने कहा जीएसटी विधेयक और आईजीएसटी विधेयकों का प्रारुप (माडल) केंद्र और राज्यों दोनों के अधिकारियों ने मिल कर तैयार किया है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.