नयी दिल्ली : अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं. विनिर्माण तथा पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में सुधार के साथ अगस्त में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि लगभग तीन साल के उच्चस्तर 6.4 प्रतिशत पर पहुंच गई. वहीं खुदरा मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर पर बनी हुई है.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 75 प्रतिशत भारांश रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र में अगस्त में 6.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई जबकि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 21.8 प्रतिशत बढा जो सुधार का संकेत देता है. दोनों वृहद आर्थिक आंकडों पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था का उत्साहजनक समाचार. आईआईपी वृद्धि बढकर 6.4 प्रतिशत हो गयी, यह अप्रत्यक्ष कर संग्रह की स्थिति के अनुरुप है.’ इससे पहले अक्तूबर, 2012 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंची थी. पिछले साल अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 0.5 प्रतिशत बढा था.
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा आज जारी ऑंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त अवधि में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 4.1 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 3.0 प्रतिशत रही थी. वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढकर 4.41 प्रतिशत हो गई जो इस साल अगस्त में 3.74 प्रतिशत थी. मुद्रास्फीति में थोडी वृद्धि के बावजूद यह संतोषजनक स्तर पर है. रिजर्व बैंक ने जनवरी 2016 तक खुदरा मुद्रास्फीति 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
उद्योग मंडल फिक्की के महासचिव ए दीदार सिंह ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि तेज हो रही है और हमें आने वाले महीनों में और उच्च वृद्धि की उम्मीद है सरकार का विनिर्माण क्षेत्र को पटरी पर लाने के प्रयास के नतीजे दिखने लगे हैं.’ इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेन्द्र कुमार पंत ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में पिछले महीनों में आई तीव्र गिरावट तथा नीतिगत दर में कटौती से टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं के लिये मांग बढी है ….. हालांकि आंशिक तौर पर यह त्यौहारी मौसम की शुरुआत की वजह से भी है. बॉंड बाजार में आईआईपी आंकडों पर अनुकूल प्रतिक्रिया दे सकता है. कल के कारोबार में बॉंड प्रतिफल में 0.05 प्रतिशत गिरावट आ सकती है.’
इस बीच, जुलाई माह की आईआईपी की वृद्धि दर को 4.2 प्रतिशत के अस्थायी अनुमान से घटाकर 4.1 प्रतिशत कर दिया गया है. इन आंकडों पर अपनी प्रतिक्रिया में एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, ‘‘अंतत: आर्थिक गतिविधियों में अच्छे संकेत देखकर खुशी हुई। यह मजबूत औद्योगिक वृद्धि के आंकडों में तब्दील हुई.’ उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर ये वृद्धि में पुनरुद्धार के सकारात्मक संकेत देते हैं. हालांकि, नीति निर्माताओं को इन गतिविधियों को समर्थन देने के लिये सक्रिय रुख अपनाये रखने की जरुरत है.’
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में75 प्रतिशत का हिस्सा रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 6.9 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले समान अवधि में इसमें1.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी. निवेश वृद्धि के बारे मेंसंकेत देने वाले पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन अगस्त में 21.8 प्रतिशत बढा. एक साल पहले इस महीने में यह 10 प्रतिशत घटा था. अगस्त मेंखनन क्षेत्र का उत्पादन 3.8 प्रतिशत बढा. एक साल पहले इसी महीने में यह 1.2 प्रतिशत बढा था. हालांकि, अगस्त में बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 5.6 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 12.9 प्रतिशत रही थी.
ऑंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त में6.8 प्रतिशत बढा. एक साल पहले अगस्त, 2014 में इस क्षेत्र का उत्पादन 6.2 प्रतिशत घटा था. टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त में 17 प्रतिशत बढा, जबकि एक साल पहले इस महीने यह 15 प्रतिशत घटा था.
उपभोक्ता गैर टिकाउ सामान क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 0.4 प्रतिशत रही. पिछले साल इसी महीने इस क्षेत्र की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही थी. अप्रैल-अगस्त मेंइस क्षेत्र की वृद्धि दर 0.1 फीसद रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.9 प्रतिशत रही थी. प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन अगस्त में 3.4 प्रतिशत बढा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 9 प्रतिशत बढा था. माध्यमिक वस्तुओं का उत्पादन अगस्त में2.6 प्रतिशत बढा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 0.1 प्रतिशत घटा था.उद्योग के संदर्भ में विनिर्माण क्षेत्र के 22 समूह में 15 में आलोच्य महीने में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी.
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