नयी दिल्ली : थोक मुद्रास्फीति लगातार 11वें महीने शून्य से नीचे बनी हुई है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में शून्य से 4.54 प्रतिशत नीचे रही लेकिन आम आदमी पर अभी भी दाल और प्याज की महंगाई का बोझ बना हुआ है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति एक महीने पहले अगस्त में शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे थी। थोक मुद्रास्फीति पिछले साल नवंबर से लगातार शून्य से नीचे बनी हुई है. पिछले साल सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 2.38 प्रतिशत पर थी.
मुद्रास्फीति पर अपनी प्रतिक्रिया में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्याज और दालों को छोडकर कीमत स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा, ‘दो प्रमुख वस्तुएं हैं जिनको लेकर हमें चिंता है. पहला प्याज है जिसकी कीमत मौसमी कारणों से चढती है. इसमें पिछले कुछ दिनों में कमी आयी है और फिलहाल यह केवल दाल है जहां कीमत स्थिति को प्रबंधित किये जाने की जरुरत है.’ उपभोक्ता मामलों का विभाग नोडल मंत्रालय है जो इस मुद्दे पर ध्यान दे रहा है.
खाद्य उत्पादों में मुद्रास्फीति, सितंबर में बढकर 0.69 प्रतिशत हो गई जबकि अगस्त में यह शून्य से 1.13 प्रतिशत नीचे थी. आधिकारिक आंकडों के अनुसार प्याज और दलहन में मूल्य वृद्धि जारी रही. सितंबर माह में प्याज का दाम 113.70 प्रतिशत बढ गया जबकि दालों के दाम 38.56 प्रतिशत बढ गये. दालों की मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने 36 प्रतिशत से अधिक रही. इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा ‘अपस्फीति में गिरावट उम्मीद के अनुरुप है. अब तक जो तुलनात्मक आधार अनुकूल बना हुआ था वह अब बदल रहा है जिससे थोक मुद्रास्फीति बढने वाली है. इस समय दालों को लेकर चिंता है.’
आधिकारिक आंकडों के मुताबिक सब्जियों की मुद्रास्फीति शून्य से 9.45 प्रतिशत नीचे रही जो कि अगस्त में शून्य से 21.21 प्रतिशत नीचे थी. इंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति की दर सितंबर में शून्य से 17.71 प्रतिशत नीचे रही जबकि विनिर्मित उत्पादों की मंहगाई दर शून्य से 1.73 प्रतिशत रही. उद्योग जगत ने कहा कि सरकार द्वारा मुद्रास्फीति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का फायदा दिखने लगा है. ऐसोचैम के अध्यक्ष राना कपूर ने कहा ‘केंद्रीय एवं राज्य सरकारों को दलहन और प्याज जैसे आवश्यक जिंसों में कीमत में और बढोतरी पर लगाम लगाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरुरत है.’
मुद्रास्फीति के जुलाई के आंकडों को संशोधित कर शून्य से चार प्रतिशत (माइनस 4.0) नीचे कर दिया गया है जबकि अस्थाई आंकडा शून्य से 4.05 प्रतिशत नीचे था. दलहन और प्याज के अलावा जो चीजें मंहगी हुई हैं उनमें अंडे, मांस और मछली (2.02 प्रतिशत), दूध (2.16 प्रतिशत) और गेहूं (3.34 प्रतिशत) शामिल हैं. हालांकि, आलू की मंहगाई दर शून्य से 57.34 प्रतिशत नीचे है. दूसरी तरफ सितंबर की खुदरा मुद्रास्फीति बढकर 4.41 प्रतिशत पर पहुंच गई जो पिछले महीने 3.74 प्रतिशत थी.
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