आसियान के साथ सेवाओं के एफटीए का जल्द अनुमोदन चाहता है भारत
नयी दिल्ली: भारत ने आज दस देशों के आसियान के साथ सेवाओं और निवेश पर अपने लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार करार (एफटीए) के जल्द अनुमोदन पर जोर दिया. इससे दोनों पक्षों के बीच व्यापार और निवेश संबंध और गहरे हो सकेंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज भारत-फिलिपींस संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक […]
नयी दिल्ली: भारत ने आज दस देशों के आसियान के साथ सेवाओं और निवेश पर अपने लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार करार (एफटीए) के जल्द अनुमोदन पर जोर दिया. इससे दोनों पक्षों के बीच व्यापार और निवेश संबंध और गहरे हो सकेंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज भारत-फिलिपींस संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक में फिलिपींस के विदेश मंत्री अल्बर्ट एफ डेल रोसारियो को यह सूचना दी. इस बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा, खुफिया भागीदारी, जहाजरानी, व्यापार एवं फार्मास्युटिकल्स तथा अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढाने का फैसला किया.
भारत और फिलिपीन के व्यापारिक रिश्तों को और गहराई देने की वकालत करते हुए विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) की समीक्षा की भी जरुरत बताई जिससे कर चोरी रोकने के प्रावधानों को मजबूत किया जा सके. सुषमा ने सेवाओं और निवेश पर भारत-आसियान एफटीए का भी मुद्दा उठाया और इसके जल्द अनुमोदन की वकालत की. फिलिपींस को छोडकर अन्य सभी सदस्य देशों ने इस करार पर दस्तखत किए हैं.
यह करार सभी सदस्यों द्वारा दस्तखत के बाद ही अस्तित्व में आएगा. भारत ने आसियान के साथ वस्तुओं पर मुक्त व्यापार करार पर 2009 में दस्तखत किए थे . भारत सेवाओं पर करार चाहता था क्योंकि वस्तुओं पर करार से उसे अधिक कुछ हासिल नहीं हुआ था, क्योंकि क्षेत्र में दरें पहले ही निचले स्तर पर हैं. भारत का मानना है कि सेवाओं पर करार से उसे ब्लाक के साथ व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी.
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