कॉल ड्राप पर एक दिन में तीन रुपये तक देना होगा मुआवजा
नयी दिल्ली : दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ट्राइ ने आज दूरसंचार कंपनियों के लिए एक जनवरी 2016 से काल ड्राप के लिए एक रुपये की भरपाई अनिवार्य बनाने का ऐलान किया. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ने आज एक बयान में कहा कि हालांकि यह भरपाई दिन में तीन काल ड्राप तक सीमित रहेगी. ट्राइ ने […]
नयी दिल्ली : दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ट्राइ ने आज दूरसंचार कंपनियों के लिए एक जनवरी 2016 से काल ड्राप के लिए एक रुपये की भरपाई अनिवार्य बनाने का ऐलान किया. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ने आज एक बयान में कहा कि हालांकि यह भरपाई दिन में तीन काल ड्राप तक सीमित रहेगी. ट्राइ ने कहा कि दूरसंचार परिचालकों को एसएमएस या यूएसएसडी के जरिए काल करने वाले ग्राहकों को काल ड्राप होने के चार घंटे के भीतर संदेश भेजना होगा और यह राशि उसके खाते में भेजी जाएगी.
पोस्ट पेड ग्राहकों को उक्त राशि अगले बिल में मुहैया करायी जाएगी. नियामक ने कहा कि उसका मानना है कि इस प्रणाली से ग्राहकों को कुछ हद तक काल ड्राप की समस्या से निजात मिलेगी और सेवा प्रदाताओं को अपनी सेवा की गुणवत्ता बढाने में मदद मिलेगी. ट्राइ ने कहा कि वह इस फैसले के कार्यान्वयन और काल ड्राप की समस्या कम करने के लिए सेवा प्रदाता की पहलों पर कडी निगाह रखेगा और छह महीने के बाद इसी समीक्षा भी कर सकता है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर एस शर्मा ने इससे पहले कहा था कि प्रस्ताव अक्तूबर के मध्य तक आएगा. गुरुवार को नियमों को कड़ा करते हुए ट्राई ने ‘कॉल ड्राप’ समेत खराब मोबाइल सेवाओं के लिये जुर्माना राशि बढाकर 2 लाख रुपये तक कर दी है.भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि अगर कंपनियां सेवा गुणवत्ता के लिये निर्धारित मानदंडों को लगातार दो या अधिक तिमाहियों तक पूरा करने में नाकाम रहती हैं तो जुर्माना राशि 2 लाख रुपये तक होगी. ट्राई ने बयान में यह जानकारी दी. नियमों के तहत ट्राई के सेवा गुणवत्ता मानदंडों में ‘कॉल ड्राप’, मोबाइल टावरों की उपलब्धता, कॉल कनेक्शन के लिये लगने वाला समय, नेटवर्क कंजेशन, आवाज की गुणवत्ता तथा नेटवर्क संबंधी मुद्दे शामिल होंगे.
इसके अलावा उपभोक्ता संबंधी मुद्दे भी इसमें शामिल होंगे जिसमें शिकायतों का निपटान, गलत तरीके से वसूली गयी राशि को लौटाना तथा कॉल सेंटर तक पहुंच आदि शामिल हैं. मौजूदा नियमों के तहत पहले उल्लंघन में जुर्माना 50,000 रुपये तक है तथा नेटवर्क संबंधी बुणवत्ता मानदंडों के मामले में बार-बार विफलता पर एक लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. हालांकि उपभोक्ता संबंधी मामलों में जुर्माना 50,000 रुपये तक सीमित है.
कॉल ड्राप के मामले में कोई खास सुधार नहीं : ट्राई
दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज कहा कि मुंबई और दिल्ली में ‘कॉल ड्राप’ के मामले में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है और सेवा प्रदाता मानकों को पूरा करने के मामले में विभिन्न मोर्चे पर पीछे हैं. ट्राई का कहना है कि मुंबई में कोई भी मोबाइल सेवा प्रदाता मानक को पूरा नहीं कर पा रहा है जबकि दिल्ली में तीन प्रमुख कंपनियां एयरटेल, वोडाफोन तथा एयरसेल गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के मामले में पीछे पायी गयीं. दूरसंचार नियामक ने यह बात ऐसे समय कही है जब दूरसंचार कंपनियां और सरकार यह दावा कर रही हैं कि कॉल ड्राप की समस्या में सुधर हो रहा है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा साझा किये गये आंकडों के अनुसार दिल्ली में आइडिया सेल्यूलर, रिलायंस कम्युनिकेशंस तथा टाटा टेलीसर्वसेज के नेटवर्क पर कॉल ड्राप की समस्या सुधरी है. ट्राई ने बयान में कहा, ‘मुंबई में कोई भी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करता, कुछ परिचालकों में मामूली सुधार हुआ है. वहीं दिल्ली में कुछ कंपनियों ने मानकों में सुधार किये हैं और तीन कंपनियां अभी भी मानकों को पूरा नहीं कर रही हैं.’ राष्ट्रीय राजधानी में एयरसेल तथा वोडाफोन नेटवर्क पर समस्या और खराब हुई है.
एयरटेल ने गुणवत्ता में सुधार किया है लेकिन यह अभी भी निर्धारित मानकों से काफी पीछे है. आंकडों के अनुसार मुंबई में एयरसेल, आइडिया सेल्यूलर तथा टाटा टेलीसर्विसेज के नेटवर्क पर कॉल ड्राप की समस्या कुछ कम हुई है जबकि वोडाफोन, एयरटेल तथा रिलायंस कम्युनिकेंशस के नेटवर्क पर समस्या बढी है. नियामक के अनुसार दिल्ली में केवल टाटा टेलीसर्विसेज तथा मुंबई में एयरटेल नेटवर्क पर ‘वॉयस’ गुणवत्ता मानकों के अनुरुप है. उल्लेखनीय है कि दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि कॉल ड्राप की समस्या में सुधार होना शुरु हो गया है.
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