नयी दिल्ली : रेलवे ने आज कहा कि वह उत्तर रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने की योजना बना रहा है. महत्वपूर्ण ट्रेनों में बोलतबंद पानी उपलब्ध कराने में हुये कथित भ्रष्टाचार के मामले में 13 स्थानों पर सीबीआई के छापे और 20 करोड रुपये नकद बरामद होने की पृष्ठभूमि में रेलवे यह कदम उठाने पर विचार कर रहा है. रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘रेल मंत्रालय सीबीआई द्वारा छापा मारे गये दो अधिकारियों को निलंबित करने पर विचार कर रहा है.’ इसे रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रिट्वीट किया.
सीबीआई ने आज दिन में उत्तर रेलवे के दो पूर्व अधिकारियों और सात निजी कंपनियों के खिलाफ 13 जगहों पर छापेमारी की जिसमें 20 करोड रुपए बरामद किये गये. प्रीमियम ट्रेनों में ‘रेल नीर’ की आपूर्ति में हुए कथित भ्रष्टाचार के संबंध में यह छापेमारी हुई. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उत्तर रेलवे के तत्कालीन मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों (पीएस एवं कैटरिंग) एम एस चालिया और संदीप सिलस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
सीबीआई ने निजी कंपनियों आर के एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कैटरर्स प्राइवेट लिमिटेड, अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, सनशाइन प्राइवेट लिमिटेड, वृंदावन फूड प्रॉडक्ट और फूड वर्ल्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. सिलस एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं.
सूत्रों ने दावा किया कि आर के असोसिएट्स और वृंदावन फूड प्रॉडक्ट के मालिक श्याम बिहारी अग्रवाल, उनके बेटे अभिषेक अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के आवास से 20 करोड रुपये नगद बरामद किये गये हैं. आरोप है कि आरोपियों ने राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस सहित प्रीमियम ट्रेनों में जरुरी ‘रेल नीर’ के इतर सस्ते पैक पेयजल की आपूर्ति को लेकर इन निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया.
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