नयी दिल्ली : आयकर विभाग ने खनन क्षेत्र में उत्खनन तथा उत्पादन से जुडी कंपनियों की संख्या की विस्तृत जांच आरंभ कर इस क्षेत्र द्वारा सृजित कालेधन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के इस मामले में गंभीर रुख के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में सभी कर कार्यालय को इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं और उन्हें कंपनियों के वित्तीय ब्योरों तथा वास्तविक परिचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की जांच कर उस पर अंकुश लगाने को कहा गया है.
मामले से जुडे सूत्रों ने कहा कि हाल में आयकर विभाग की जांच में पाया गया कि लौह अयस्क, मैंगनीज और अन्य खनिजों के खनन में लगी कुछ बडी कंपनियों द्वारा भरे गये कर रिटर्न में कई विसंगतियां पायी गयी हैं. इन कंपनियों द्वारा भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के पास जमा किये गये ब्योरे का मिलान करने से अनियमितता का पता चला. वित्तीय ब्योरा दोनों जगह देने की प्रक्रिया अनिवार्य है जिसका कंपनियों को पालन करना होता है.
सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम बी शाह आयोग की जांच रिपोर्ट में भी इनमें से कई कंपनियों के नाम हैं. सरकार ने देश में अवैध खनन का पता लगाने के लिये कुछ साल पहले आयोग का गठन किया था. सीबीडीटी द्वारा 14 अक्तूबर को जारी आर्डर में कहा गया है, ‘आईबीएम के पास जमा किये गये रिटर्न और आयकर विभाग को दिये गये ब्योरे में उत्पादन एवं बचा हुए भंडार के आंकडों में अंतर का पता चला है.’
सीबीडीटी ने कर अधिकारियों से खनन कंपनियों से जुडे प्रकरणों के संदर्भ में विशेष तलाशी या इन कंपनियों का विशेष आडिट करने तथा विस्तृत जांच कर के इस क्षेत्र में वित्तीय ब्योरों में गडबडी पर अंकुश लगाने को कहा है. निर्देश में कहा गया है कि पिछले वर्षों के रिटर्न में भी अगर विसंगतियां पायी गयी हैं तो उनकी जांच की जाए. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आईबीएम से आंकडा प्राप्त करने और अगर उत्पादन छिपाने या भंडार में अनियमितता का पता चलने पर संबंधित खनन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. इस संदर्भ में कार्रवाई शुरू की जा चुकी है.’
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