मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कराधान को और पारदर्शी बनाने की जरुरत को रेखांकित किया ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि के लिए स्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह आकर्षित किया जा सके. उन्होंने प्रमुख केंद्रीय बैंकों के बीच अपेक्षाकृत ज्यादा संयोजन का आह्वान करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीति के जरिए के सर्वोत्कृष्ट उपयोग की जरुरत है क्योंकि विश्व में अपस्फीति की स्थिति उभर रही है. उन्होंने विदेशी नीति पर निजी विचार संस्था, ‘गेटवे हाउस’ द्वारा आयोजित गोष्ठी ने कहा ‘हमें अपनी कर प्रणाली को ज्यादा निवेशक अनुकूल बनाने की जरुरत है. कराधान को और पारदर्शी तथा ज्यादा विश्वसनीय बनाया जाए. हर आवश्यक कदम उठाये जाए ताकि हमारी कंपनियों वह हर कुछ तैयार कर सकें जिनकी जरुरत है.’
पिछले सप्ताहांत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अनुकूल कर प्रणाली की जरुरत पर बल दिया था और अगले वित्त वर्ष से चार साल के भीतर कार्पोरेट कर धीरे-धीरे घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया जो फिलहाल 34 प्रतिशत है. राजन ने सरकार की मेक इन इंडिया योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सुगम और विश्वसनीय कराधान प्रणाली से जोडते हुए कहा ‘भारत में विनिर्माण करते हैं लेकिन इसके लिए ढांचा बनाने की जरुरत है. कारोबार आसान बनाते हैं.’
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