न्यूज चैनलों में FDI की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है सरकार
नयी दिल्ली: सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौड ने ‘समाचारों की गुणवत्ता’ तथा पत्रकारों के प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने पर चिंता जाहिर करने के साथ ही आज कहा कि सरकार न्यूज चैनलों में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई ) लाने के मुद्दे पर विचार कर रही है. भारतीय उद्योग परिसंघ […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
October 19, 2015 3:29 PM
नयी दिल्ली: सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौड ने ‘समाचारों की गुणवत्ता’ तथा पत्रकारों के प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने पर चिंता जाहिर करने के साथ ही आज कहा कि सरकार न्यूज चैनलों में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई ) लाने के मुद्दे पर विचार कर रही है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई ) द्वारा आयोजित एक समारोह में राठौड ने कहा कि सरकार न्यूज चैनलों में ‘‘अधिक एफडीआई लाने ‘के संबंध में विचार कर रही है.
उन्होंने मीडिया और मनोरंजन उद्योग के प्रतिनिधियों से कहा, ‘‘ नहीं कह सकता कि एक समय सीमा में इस काम को कर लिया जाएगा लेकिन सही बात तो यह है कि हमने इसके बारे में सोचना शुरू कर दिया है , मतलब कि हमने इस दिशा में आगे बढना शुरु कर दिया है.’
अधिकारियों के अनुसार, नियमों के तहत न्यूज और समसामयिक टीवी चैनलों के अपलिंकिंग की मंजूरी देने में 26 फीसदी एफडीआई की अनुमति है. उद्योग जगत के एक प्रतिनिधि द्वारा समाचार चैनलों के पास धन की कमी होने संबंधी मुद्दे का जिक्र करते हुए राठौड ने कहा कि यह भी एक कारण है कि पत्रकारों के प्रशिक्षण में बहुत अधिक निवेश नहीं किया जाता. राठौड ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके चलते पत्रकारों के प्रशिक्षण के मामले में अधिक निवेश नहीं किया जाता है.
पत्रकारों की गुणवत्ता, सवाल और जो समाचार पेश किए जा रहे हैं , और हम एक उभरता राष्ट्र हैं , इसे देखते हुए हमें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रुप में पत्रकारों की जरुरत है.’ मंत्री ने कहा, ‘‘ हमें ऐसे समाचारों की जरुरत है जिनकी बेहद उच्च गुणवत्ता हो. और इसलिए खुद पत्रकारिता की गुणवत्ता में निवेश की जरुरत है.
राठौड ने निजी एफएम रेडियो पर समाचारों को अनुमति दिए जाने की मांग के संबंध में कहा कि बदलते समय के साथ नीतियां भी बदल रही हैं. उन्होंने कहा, एक समय था जब निजी रेडियो पर कोई समाचार नहीं होते थे लेकिन अब फेज 3 के विस्तार के साथ इसमें बदलाव आया है.
हल्के फुल्के अंदाज में राठौड ने सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली की एक न्यूज एंकर के साथ हुई एक बातचीत का हवाला देते हुए बताया कि मंत्री ने एंकर से कहा था कि उनके प्राइम टाइम शो का नाम ‘एक ही समय में दो ‘ होना चाहिए क्योंकि अक्सर एक ही समय पर एक से अधिक लोग बोलते हैं.
इस पर एक व्यक्ति ने कहा कि यह विंडोज 2015 हो सकता है क्योंकि टीवी स्क्रीन पर कई सारे विंडो होते हैं जिनमें मेहमानों को बोलते हुए दिखाया जाता है. जीएसटी के बारे में राठौड ने कहा कि सरकार जीएसटी विधेयक पर सहयोग के लिए विपक्ष को प्रोत्साहित कर रही है. राठौड ने इसके साथ ही यह भी बताया कि सरकार भारत में फिल्मों के फिल्मांकन के लिए फिल्म निर्माताओं को मंजूरी प्रदान करने के मकसद से राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम को एकल विंडो बनाने पर भी विचार कर रही है.
उन्होंने बताया कि आस्कर और कांस जैसे प्रतिष्ठित फिल्मोत्सवों में पुरस्कार की जीत की प्रबल संभावना वाली फिल्मों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिद्धांत रुप में सहमति दे चुके हैं. राठौड ने कहा कि मंत्रालय उद्योग जगत के साथ इस प्रस्ताव पर विचार विमर्श करना चाहता है.
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