श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने आज कहा कि भारत ने जो लक्ष्य निर्धारित किये हैं उन्हें हासिल करने के लिए बहुलतावाद एकमात्र विकल्प है. हाल के सांप्रदायिक हमलों का उल्लेख करते हुये सईद ने कहा कि यह देश के हित में नहीं है जिसका मिश्रित सभ्यता का इतिहास रहा है. यहां से लगभग 15 किलोमीटर दूर, जेवान में पुलिस शहादत स्मारक दिवस पर संबोधित करते हुये सईद ने कहा, ‘बहुलतावाद एकमात्र विकल्प है. हमें हर किसी को साथ ले कर चलना है. देश में कुछ जगहों पर कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं. यह हमारे हित में नहीं है. इस (देश) में मिश्रित संस्कृति है. किसी का इसमें वर्चस्व नहीं है. हमें इस सभ्यता को जिंदा रखना है. अगर आप इसे पटरी से उतारते हैं, तब हम लोग वह हासिल नहीं कर सकते हैं जो हमने निर्धारित किया है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि असहिष्णुता और घृणा के कृत्य भारत की मूल भावना को चोट पहुंचा रहे हैं और देश की बहुलता और समग्रता के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान का हवाला देते हुये कहा कि वहां अभी भी एक ऐसे राजनीतिक माडल की तलाश की जा रही है जो भारत जैसा हो. उन्होंने कहा, ‘मैं विपक्ष को राज्य विधानसभा में वह प्रस्ताव लाने के लिए बधाई देता हूं जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया और जिसने देश के शेष हिस्सों के लिए शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र का एक संदेश दिया है.’
सईद ने 1947 की उन घटनाओं को याद दिलाया जब सांप्रदायिक उन्माद की घटनाओं और विभाजन के समय कश्मीर ने देश को शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र की राह दिखायी थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘दोस्त बदले जा सकते हैं, पडोसी नहीं’ बयान को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारत एक वैश्विक शक्ति बनना चाहता है, तो उसे अपने सभी पडोसी देशों के साथ मैत्री का रिश्ता बनाए रखना होगा. उन्होंने कहा कि सीमाओं पर अनिश्चितता और हिंसा का प्रभाव स्थानीय आबादी पर अधिक होता है और देश को विकास के एक नये युग में ले जाने के सरकार के प्रयास पटरी से उतर जाते हैं.
सईद ने कहा कि राज्य उन पुलिसकर्मियों को हमेशा याद रखेगा जो कर्तव्य निभाते हुये और हमारे नागरिकों के भविष्य की सुरक्षा में शहीद हुये हैं और अपने जीवन की आहूति दी है. उन्होंने कहा, ‘हम अपने पुलिस शहीदों के ऋणों को कभी नहीं चुका सकते. हम अपने हीरो को सलाम करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले एवं उन्हें जन्नत में जगह मिले.’ इस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित राज्य सरकार के मंत्री और विधायक एवं गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव और पुलिस महानिदेशक राजेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे.
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