रेलवे गड्ढे में है : दिनेश त्रिवेदी
मुंबई : पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेलवे की कमाई में आ रही गिरावट के खिलाफ सावधान करते हुये कहा है कि मौजूदा रेल मंत्री सुरेश प्रभु की कर्ज लेकर काम करने की नीति से भारतीय रेल कर्ज के भंवर में फंस सकती है और इसके ‘एक और एयर इंडिया’ बनने का जोखिम है. […]
मुंबई : पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेलवे की कमाई में आ रही गिरावट के खिलाफ सावधान करते हुये कहा है कि मौजूदा रेल मंत्री सुरेश प्रभु की कर्ज लेकर काम करने की नीति से भारतीय रेल कर्ज के भंवर में फंस सकती है और इसके ‘एक और एयर इंडिया’ बनने का जोखिम है. रेलवे देश में नौकरी देने वाला सबसे बडा सार्वजनिक उपक्रम है. दिनेश त्रिवेदी ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मेरा मानना है कि रेलवे गढ्ढे में है. संक्षेप में कहूं तो रेलवे एयर इंडिया के रास्ते पर चल पडी है. आप एयर इंडिया के बिना शायद रह लें, पर भारतीय रेलवे के बिना आप नहीं रह सकते.’
त्रिवेदी ने चेतावनी दी, ‘आप कर्ज के भंवर में होंगे, पूरी तरह कर्ज के भंवर में.’ उल्लेखनीय है कि पिछली संप्रग सरकार में सुधारवादी कहे जाने वाला एक रेल बजट पेश करने के बाद त्रिवेदी को रेल मंत्री के पद से हटा दिया गया था. त्रिवेदी ने अप्रैल में एक संसदीय समिति की रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें रेलवे के कामकाज के लेकर चिंता व्यक्त की गयी थी. उन्होंने कहा कि रेलवे में यात्री और माल भाडा दोनों ही मामलों में राजस्व कमाई घटी है. इससे ऐसी स्थिति बनी है जिसमें रेलवे का परिचालन अनुपात यानी परिचालन आय में परिचालन खर्च का हिस्सा 100 प्रतिशत से उपर निकल गया है.
त्रिवेदी की समिति ने अपनी 85 पन्ने की रिपोर्ट में कहा, ‘दुर्भाग्य से यह (रेलवे) एक बार फिर गहरे वित्तीय संकट में है. इसकी परिचालन आय की स्थिति बिगड कर फिर 93.6 तक पहुंच गई है. इसका पूंजी पर शुद्ध राजस्व मात्र 5.6 प्रतिशत है और वर्ष 2013-14 में रेलवे का अधिशेष 3,740 करोड रुपये रह गया.’ रेलवे इस समय क्षमता से अधिक उधार लेने के रास्ते पर चल रही है. रेलवे द्वारा जीवन बीमा निगम(एलआईसी) सहित बाजार से भारी मात्रा में उधार जुटाने के बारे में पूछे गये सवाल पर त्रिवेदी ने कहा किसी को भी कर्ज लेकर उसे लौटाने पर कुछ समय के लिये रोक रखने का प्रावधान नहीं करना चाहिये.
‘जब आप एलआईसी से उधार ले रहे हैं और 9 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं, उसमें इस समय रोक होगी लेकिन स्थगन का समय समाप्त होने के बाद आपको भुगतान करना होगा.’ त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे और कृषि दोनों क्षेत्रों को नजरंदाज कर रही है. उन्होंने कहा कि ये दोनों ही क्षेत्र हैं जो कि रोजगार सृजन और सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में काफी सहायक हैं. रेल मंत्री बदलने संबंधी रिपोटोंर् के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘सोच में बदलाव लाये बिना एक मंत्री को दूसरे मंत्री से बदलने से कुछ नहीं होगा.’
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