मुंबई : रिजर्व बैंक ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के लिए आज दिशानिर्देश जारी किये जिसमें बैंकों को स्वर्ण जमाओं पर खुद ब्याज दरें तय करने की अनुमति दी गयी है. आरबीआई की यह अधिसूचना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस योजना को औपचारिक तौर पर 5 नवंबर को शुरू करने से पहले आयी है. स्वर्ण जमा योजना का लक्ष्य लोगों और संस्थानों के पास बेकार पडे अनुमानित 20,000 टन सोने का एक हिस्सा इस्तेमाल में लाना है. दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंक इस तरह की जमा पर ब्याज दर तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे और जमा का मूल व ब्याज सोने में वर्णित होगा.
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘परिपक्वता पर मूल व ब्याज का भुगतान जमाकर्ता की इच्छा पर किया जाएगा कि वह विमोचन के समय, सोने के बाजार मूल्य के आधार पर सोने और जमा ब्याज के बराबर मूल्य में भारतीय रपये में भुगतान लेना चाहता है या यह भुगतान सोने में चाहता है.’ ‘इस संबंध में अपनाये जाने वाले विकल्प को जमाकर्ता द्वारा सोना जमा करते समय लिखित में दिया जाएगा और इसे बदला नहीं जा सकेगा.’
संबद्ध देय तिथि पर ब्याज का भुगतान जमा खातों में किया जाएगा और इसे जमा के नियमों के मुताबिक एक अंतराल में या परिपक्वता पर निकाला जा सकेगा.’ आरबीआई के मुताबिक, ‘नामित बैंक अल्पावधि (1-3 साल), बैंक जमा (एसटीबीडी) और मध्यम अवधि (5-7 साल) एवं दीर्घकाल (12-15 साल) की सरकारी जमा स्कीमों में स्वर्ण जमाओं को स्वीकारेंगे.’ आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, परिपक्वता अवधि से पूर्व निकासी का प्रावधान होगा जिसमें न्यूनतम लॉक-इन की अवधि होगी और जुर्माने का निर्धारण व्यक्तिगत रूप से बैंकों द्वारा किया जाएगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.