मुंबई : दाल के ऊंचे भाव से आम लोगों की परेशानी के बीच सरकार ने आज कहा कि वह स्थिति पर ‘बराबर नजर’ रखे हुए है और दीर्घकालिक संकेतकों से लगता है कि मुद्रास्फीति में काफी गिरावट हो रही है. वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने यहां निवेशकों के एक सम्मेलन में कहा, ‘हम मुद्रास्फीति पर बारीकी से रखते हैं. हम सभी खाद्य कीमतों, दाल के भाव से चिंतित हैं. हम कीमतों पर बहुत ही बारीकी से ध्यान दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘साथ ही हमें मुद्रास्फीति की दीर्घकालिक अनुमानों पर भी विचार करना है जिसमें यह भी शामिल है कि बुनियादी स्तर पर क्या हो रहा है न कि केवल मौसम के साथ कीमत में होने वाले उछालों पर.’
उन्होंने कहा ‘जब हम मुद्रास्फीति के दीर्घकालिक स्वरुप को देखते हैं तो उसमें सभी संकेतों से पता चलता है कि यह उल्लेखनीय रूप से कम हो रही है.’ सरकार दालों की मंहगाई पर अंकुश लगाने के लिए अनेक कदम उठा रही है. कुछ जगह अरह दाल 210 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है. आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ राज्य सरकारें अरहर दाल 120-145 किलोग्राम पर सुलभ कराने की व्यवस्था की है. केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे दाल मिलों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के साथ बैठक कर खुदरा बाजार में तर्कसंगत दाम पर दालें उपलब्ध कराने का प्रबंध करें.
बारिश की कमी के कारण 2014-15 में दलहनों का घरेलू उत्पादन 20 लाख टन कम रहा. वैश्विक स्तर पर भी दलहन की कमी है जिसका असर बाजार पर दिखा है. पिछले सप्ताह जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई में13 राज्यों में करीब 75,000 टन दाल दलहन जब्त किया गया. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक अरहर दाल का खुदरा मूल्य कल 200 किलो रुपये प्रति किलो तक था जबकि उडद की कीमत 190 रुपये प्रति किलो, मूंग की दाल 130 रुपये प्रति किलो, मसूर की दाल 110 किलो और चना 85 रुपये प्रति किलो तक था.
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