नयी दिल्ली : फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने आज कहा कि उनकी कंपनी नेट निरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेट सेवा कंपनियों की तथाकथित जीरो-रेटिंग प्लान का भी समर्थन किया, जिन्हें कई आलोचक इंटरनेट की निरपेक्षता के सिद्धान्त के खिलाफ मानते हैं.
भारत में पहले टाउनहॉल में बोलते हुए युवा अरबपति ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क इस सिद्धान्त के आसपास नियमों का समर्थन करने की दिशा में काम कर रहा है और साथ ही यह डेवलपर्स के लिए एक खुला मंच बना रहा है. यह कार्यक्रम दिल्ली कं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित किया गया था.
यह पूछे जाने पर कि क्या फेसबुक नेट निरपेक्षता का समर्थन करती है, जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘निश्चित रुप से. नेट निरपेक्षता एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त है. हम दोनों का समर्थन करने के लिए काफी कुछ करते हैं.” फेसबुक का इंटरनेट.ओआरजी का मकसद विकासशील दुनिया में इंटरनेट की पहुंच को मुफ्त करना है, लेकिन इसको लेकर कंपनी को चौतरफा आलोचनाएं झेलनी पड़ी हैं. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह नेटवर्क निरपेक्षता के सिद्धान्त का उल्लंघन करने वाला है. विचार यह होना चाहिए कि सभी ऑनलाइन डाटा तक पहुंच के मामले समानता का बर्ताव हो.
जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘इंटरनेट.ओआरजी और फेसबुक नेट निरपेक्षता के सौ फीसदी समर्थक हैं. हम दुनिया भर में इसके लिए लॉबिंग कर रहे हैं. साथ ही हम एक खुला ढांचा तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.” भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) में जुकरबर्ग को देश के कई तेज दिमाग वाले छात्रों के सवालों का सामना करना पडा. इस मौके पर उन्होंने फेसबुक को उस देश के साथ अधिक गहराई से जोड़ने का प्रयास किया, जहां फेसबुक उपयोक्ताओं की संख्या अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है.
जुकरबर्ग ने कहा कि दुनिया में सभी को मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराना काफी महंगा है और दूरसंचार कंपनियां लोगों को इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए हर साल अरबों डालर खर्च करती हैं. जुकरबर्ग ने कहा कि हम वास्तव में यह करने का प्रयास कर रहे हैं कि मुफ्त बेसिक्स का इस्तेमाल किया जाए. ऐसे में वह डेवलपर जो निचली बैंडविड्थ की सेवाएं मुफ्त में दे सकता है, वह जीरो रेटिड हो.
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि कोई दूरसंचार ऑपरेटर अपनी सेवाएं उपयोक्ताओं पर थोपना चाहेगा, तो यह लोगों को अच्छा नहीं लगेगा. ऐसे में नेट निरपेक्षता की जरुरत होगी. बताया जाता है कि जुकरबर्ग ने भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल से मुलाकात की है.
भारती एयरटेल जैसी दूरसंचार कंपनियों की जीरो रेटिंग योजना के बारे में जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘ऐसे लोग जो जीरो रेटिंग की खिलाफत करते हैं उनसे मैं कहूंगा कि ऐसे छात्रों को देखें जिसे अपनी पढाई के लिए इंटरनेट की जरुरत है. जुकरबर्ग ने कहा कि बहुत से लोग जो नेट निरपेक्षता की वकालत कर रहे हैं उनको पहले से इंटरनेट तक पहुंच उपलब्ध है. लेकिन ऐसे लोग जो अभी इंटरनेट पर नहीं हैं, वे ऑनलाइन पहुंच बढाने के लिए वकालत न करें. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी उन लोगों को देखने की नैतिक जिम्मेदारी है जिनके पास पहुंच नहीं है.
हमें यह सुनिश्चित करना है जिनके पास आवाज नहीं है उनको परेशान करने के लिए नियमों को बदला न जाए. जुकरबर्ग ने कहा ‘‘इंटरनेट डाट ओआरजी 24 से अधिक देशों में लाइव है और 1.5 करोड़ लोगों का इंटरनेट डाट ओआरजी के साथ सीधा संबंध है. यह बड़ी संख्या है. भारत में 10 लाख लोग इंटरनेट डाट ओआरजी के जरिए इंटरनेट से जुडे हैं.”
विश्व की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी के लिए भारतीय बाजार के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक अरब लोगों को इंटरनेट से जोड़ने के लक्ष्य को पूरा करने में इस देश की बड़ी भूमिका है.
जुकरबर्ग ने कहा ‘‘यदि आपके पास एक अरब लोगों से जुड़ने का लक्ष्य है तो आप ऐसा भारत के बगैर नहीं कर सकते.” उन्होंने कहा कि फेसबुक उपयोक्ताओं की संख्या के आधार पर भारत 13 करोड़ उपयोक्ताओं के साथ अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. विश्व भर में फेसबुक के 1.3 अरब उपयोक्ता हैं.
उन्होंने कहा ‘‘भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे पास यहां 13 करोड़ उपयोक्ता हैं. इंटरनेट पहुंच प्रदान करने में मदद करना हमारा लक्ष्य है.” यह जुकरबर्ग की दूसरी भारत यात्रा है. उन्होंने कहा कि कंपनी कई पहलों में निवेश कर रही है. इसका मकसद कनेक्टिविटी की रास्तों की अडचनों को दूर करना और जागरुकता पैदा करना है.
इनमें सौर उर्जा आधारित विमान और बीमिंग सिग्नलों के लिए सैटेलाइट भेजने जैसी परियोजना शामिल है. आईआईटी दिल्ली के परिसर में आयोजित टाउनहॉल में एक हजार के करीब छात्र, शिक्षक और युवा उद्यमी मौजूद थे. जुकरबर्ग कल भारत यात्रा पर आए थे और वह सबसे पहले ताजमहल गए थे. उन्होंने कहा कि आज सुबह व इंडिया गेट के लॉन में सुबह की सैर के लिए गए.
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