बैंकों पर NPA का दबाव होगा कम :फिच

नयी दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में चालू वित्त वर्ष के दौरान फंसे कर्ज (एनपीएल) में नरमी आयेगी. साथ ही कहा कि उसकी परिसंपत्ति गुणवत्ता में कुछ उम्मीद की किरण दिखने लगी है.एजेंसी ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली की संपत्ति गुणवत्ता संबंधी रपट में कहा ‘‘फिच रेटिंग्स को उम्मीद है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2015 3:23 PM

नयी दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में चालू वित्त वर्ष के दौरान फंसे कर्ज (एनपीएल) में नरमी आयेगी. साथ ही कहा कि उसकी परिसंपत्ति गुणवत्ता में कुछ उम्मीद की किरण दिखने लगी है.एजेंसी ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली की संपत्ति गुणवत्ता संबंधी रपट में कहा ‘‘फिच रेटिंग्स को उम्मीद है कि भारतीय बैंकों की दबावग्रस्त परिसंपत्ति अनुपात चालू वित्त वर्ष में आंशिक रुप से सुधरकर 10.9 प्रतिशत रह जाएगा जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 11.1 प्रतिशत था.’ फिच रेटिंग्स ने कहा कि चक्रीय सुधार के साथ फंसे कर्ज यानी गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) की वृद्धि कम होगी और ऋण वृद्धि में थोडी तेजी से मदद मिलेगी.

एजेंसी ने कहा ‘‘ढांचागत रुप से कमजोर क्षेत्र पर दबाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है हालांकि हमारा मानना है कि बैंक पुनर्गठन के उपलब्ध तरीकों और क्षेत्र विशेष के लिए ऋण के पुनर्निधारण का उपयोग करेंगे.’ फिच ने अटकी पड़ी योजनाओं को मंजूरी देने की जरुरत को भी यह कहते हुए रेखांकित किया कि तेजी से समाधान से इस क्षेत्र के पुनरद्धार पर बेहतर असर हो सकता है, पूंजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और बैंकों को ब्याज दर में कटौती का फायदा देने में ज्यादा लचीलापन का माहौल मिलेगा

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version