नयी दिल्ली : पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने विशेष अदालत के समक्ष सीबीआई के आरोप को खारिज किया कि उन्होंने अपनी कंपनी के लिये कोयला ब्लॉक की सिफारिश के लिये झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोडा पर दबाव डाला और इसके लिये उनकी अस्थिर सरकार को कांग्रेस पार्टी का समर्थन जुटाने का वादा किया.
जिंदल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस वी राजू ने कहा कि 2006 से 2008 के बीच कांग्रेस पार्टी का कोडा सरकार को बाहर से समर्थन देने के मामले में उनके मुवक्किल का कोई लेना-देना नहीं है और इससे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल जुडे थे.
राजू ने आरोप तय किये जाने को लेकर जारी दलील के दौरान सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर से कहा, ‘‘मैं (जिंदल) कांग्रेस पार्टी का केवल एक सांसद था और झारखंड में मधु कोडा सरकार को पार्टी का समर्थन देने से उनका कोई लेना-देना नहीं था…..सीबीआई गवाहों के बयान हैं कि कोडा ने दिल्ली में अहमद पटेल से मुलाकात की थी.”
उन्होंने कहा, ‘‘वह अहमद पटेल थे, जो मधु कोडा की सरकार को कांग्रेस पार्टी का समर्थन देने से जुडे थे. जहां तक कोडा सरकार को समर्थन देने का सवाल है, मेरी (जिंदल) की इसमें कोई भूमिका नहीं थी.” सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि जिंदल ने कोडा के साथ मिलकर साजिश रची और उनकी कंपनियों को झारखंड में कोयला ब्लाक के आबंटन के बदले उन्हें मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने में मदद का वादा किया.
कोडा निर्दलीय विधायक के रुप में 14 सितंबर 2006 से 23 अगस्त 2008 तक कांग्रेस, राजद और अन्य के समर्थन से मुख्यमंत्री रहे. मामला झारखंड में अमरकोंडा मुरगादंगल कोयला ब्लाक जिंदल समूह की दो कंपनियों जिंदल स्टील एंड पावर लि. तथा गगन स्पांजी आयरन प्राइवेट लि. को आबंटन में कथित अनियमितता से जुडा है. इस मामले में जिंदल, कोडा के अलावा पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता तथा 11 अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया है.
सीबीआई ने कल अदालत से कहा था कि जिंदल समूह की कंपनियों को कोयला ब्लाक के आबंटन के लिये जिंदल, राव, कोडा तथा गुप्ता ने अन्य के साथ मिलकर साजिश रची.
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