नयी दिल्ली : सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में क्रमश: 1.60 रुपये तथा 40 पैसे प्रति लीटर वृद्धि किये जाने के बावजूद दोनों ईंधन के दाम नहीं बढेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने कुछ समय के लिये वृद्धि स्वयं वहन करने का फैसला किया है. सरकार ने बजटीय लक्ष्य पूरा करने के लिये अतिरिक्त राजस्व जुटाने के इरादे से कल देर रात पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढा दिया. एक प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘पेट्रोल और डीजल के दाम में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं होगी. हम फिलहाल उत्पाद शुल्क में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर आगे नहीं बढा रहे हैं.’ ईंधन पर उत्पाद शुल्क वृद्धि से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में करीब 3,200 करोड रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. सरकार ने 2014-15 में उत्पाद शुल्क से कुल 99,184 करोड रुपये प्राप्त किये.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 33,042 करोड रुपये था. सीबीईसी की अधिसूचना के अनुसार बिना ब्रांड यानी सामान्य पेट्रोल पर मूल उत्पाद शुल्क 5.46 रुपये प्रति लीटर से बढाकर 7.06 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. अतिरिक्त और विशेष उत्पाद शुल्क शामिल करने पर पेट्रोल पर कुल शुल्क 19.06 रुपये प्रति लीटर हो गया जो अभी 17.46 रुपये लीटर था. वहीं बिना ब्रांड यानी सामान्य डीजल पर उत्पाद शुल्क 4.26 रुपये लीटर से बढाकर 4.66 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. विशेष उत्पाद शुल्क को शामिल करने के बाद डीजल पर कुल उत्पाद शुल्क 10.66 रुपये प्रति लीटर होगा जो फिलहाल 10.26 रुपये लीटर था.
वहीं ब्रांडेड पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 6.64 रुपये लीटर से बढकर 8.24 रुपये लीटर कर दिया गया है. इसके अलावा विशेष और अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 12 रुपये लीटर बना रहेगा. ब्रांडेड डीजल के मामले में उत्पाद शुल्क 6.62 रुपये लीटर से बढकर 7.02 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इसके अलावा अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 6.00 रुपये लीटर बना रहेगा. सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच चार बार उत्पाद शुल्क बढाया है. इन चार किस्तों में पेट्रोल में 7.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 6.50 रुपये प्रति लीटर वृद्धि हुई है. इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान 20,000 करोड रुपये का अतिरिक्त राजस्व पाने में मदद मिलेगी.
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