चालू वित्त वर्ष में एनपीए नहीं बढने देंगे : एसबीआई
नयी दिल्ली : देश के सबसे बडे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को पिछले वित्त वर्ष के स्तर पर लाने के लिए कदम उठाए हैं. जुलाई-सितंबर की तिमाही में एसबीआई के डूबत रिण में कमी आई है. एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘हमने एनपीए […]
नयी दिल्ली : देश के सबसे बडे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को पिछले वित्त वर्ष के स्तर पर लाने के लिए कदम उठाए हैं. जुलाई-सितंबर की तिमाही में एसबीआई के डूबत रिण में कमी आई है.
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘हमने एनपीए को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए है. हम चालू वित्त वर्ष में इसे और नहीं बढने देंगे.’ मार्च, 2015 के अंत तक बैंक का सकल एनपीए कुल अग्रिम का 4.2 प्रतिशत या 56,725 करोड रपये था.
जुलाई-सितंबर की तिमाही में बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता इससे पिछली तिमाही के मुकाबले सुधरकर 4.15 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछली तिमाही में 4.89 प्रतिशत रही थी. एनपीए की स्थिति की जानकारी देते हुए कुमार ने कहा कि डूबते रिण क्षेत्र दर क्षेत्र भिन्न है. ‘यदि आप हमारे पोर्टफोलियो को देखें, ज्यादातर एनपीए एसएमई या मध्यम कारपोरेट वर्ग से है. निजी खंड में एनपीए का स्तर काफी कम है.’
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