5G Rollout Update: कंपनियों को कब तक मिल जाएंगे स्पेक्ट्रम ? सरकार ने दी यह जानकारी

स्पेक्ट्रम सामंजस्य प्रक्रिया 5जी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है. इसके तहत सभी दूरसंचार सेवाप्रदाताओं की सहमति के साथ एक बैंड के भीतर उपलब्ध रेडियो तरंग के एक समूह को एक निकटवर्ती ब्लॉक में लाया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2022 11:34 AM
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5G In India: दूरसंचार मंत्री (Telecom Minister) अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने कहा है कि सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) की नीलामी संपन्न होने के कुछ ही दिन के भीतर स्पेक्ट्रम सामंजस्य (Harmonization) प्रक्रिया पूरी कर ली है. इससे अधिक दक्षता के लिए एक बैंड विशेष के भीतर कंपनियों के पास उपलब्ध संबंधित स्पेक्ट्रम को दुरुस्त किया जाता है. स्पेक्ट्रम सामंजस्य प्रक्रिया 5जी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है. इसके तहत सभी दूरसंचार सेवाप्रदाताओं की सहमति के साथ एक बैंड के भीतर उपलब्ध रेडियो तरंग के एक समूह को एक निकटवर्ती ब्लॉक में लाया जाता है.

वैष्णव ने कहा कि सरकार नीलामी में कंपनियों द्वारा लिये गये स्पेक्ट्रम को समय पर आवंटित करने के लिए काम कर रही है. आवंटन 12 अगस्त तक कर दिया जाएगा. सचिवों की समिति से इस बारे में मंजूरी की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है. स्पेक्ट्रम सामंजस्य से कंपनियों की क्षमता बढ़ती है क्योंकि एक बैंड में उनके पास उपलब्ध रेडियो तरंगों के हिस्से को एक साथ लाया जाता है. यह कार्य कंपनियों की सहमति से किया जाता है.

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वैष्णव ने कहा, हमने 12 अगस्त तक स्पेक्ट्रम आवंटित करने का जो वादा किया है, उस पर आगे बढ़ रहे हैं. चीजें समय पर हैं. दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने स्पेक्ट्रम के बीच तालमेल के बारे में समझाते हुए कहा कि यह वितरित भूमि से उत्पन्न अंतर को पाटने के जैसा है, जिसमें उसे आसपास लाया जाता है. देश में दूरसंचार स्पेक्ट्रम की अबतक की सबसे बड़ी नीलामी इस सप्ताह सोमवार को संपन्न हुई. इसमें रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आयीं.

इस साल बोली के तहत 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को रखा गया था. इसमें 51,236 मेगाहर्ट्ज यानी 71 प्रतिशत स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई. प्रत्येक नीलामी के बाद हर कंपनी के पास एक बैंड में जो अलग स्पेक्ट्रम होते हैं, उसे सांमजस्य प्रक्रिया के तहत एक साथ लाया जाता है. इस स्थानांतरण में सभी कंपनियों की सहमति होती है. आमतौर पर इस प्रक्रिया में तीन महीने लगते हैं. वैष्णव ने कहा, यह कठिन प्रक्रिया है लेकिन हमने इसे एक दिन में ही पूरा कर लिया. टीम ने इस पर बहुत ध्यान से काम किया है. (इनपुट : भाषा)

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