मुंबई : वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि भारत की सॉवरेन रेटिंग में कटौती से छह ‘फॉलेन एंजल’ तैयार हुए हैं. फॉलेन एंजल गैर वित्तीय क्षेत्र की ऐसी कंपनियां को कहते हैं, जिनकी रेटिंग गिरकर कबाड़ माने जाने से महज एक पायदान ऊपर रह गयी है. दूसरे शब्दों में, जिन कंपनियों को निवेश श्रेणी से हटाकर जोखिमपूर्ण निवेश श्रेणी में रख दिया जाता है, उन्हें ‘फॉलेन एंजल’ कहते हैं. एजेंसी ने कहा कि ये सभी छह कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस क्षेत्र की हैं और इन्हें 2021 तक एक अरब डॉलर के बॉन्ड का भुगतान करना है.
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एजेंसी ने कहा कि इन छह कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, ऑयल इंडिया, पेट्रोनेट एलएनजी, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन शामिल हैं. मूडीज ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इन छह तेल और गैस कंपनियों की अंतिम रेटिंग अब उनके बुनियादी ऋण प्रोफाइल के आधार पर तय न होकर सॉवरेन रेटिंग में कटौती से निर्धारित होगी.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि छह भारतीय कंपनियों को ‘फॉलेन एंजल’ का दर्जा देने के बाद इनकी संख्या एशिया में बढ़कर 21 हो गयी है, जो अब तक सबसे अधिक है. कोविड-19 महामारी और भारत की सॉवरेट रेटिंग में कटौती के कारण इनकी संख्या दोगुनी हो गयी है. इन 21 कंपनियों को 2021 में परिपक्व होने वाले बॉन्ड के रूप में 12.3 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान करना है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2008 तक ‘फॉलेन एंजल’ की सूची में चीन की कंपनियां अधिक रहती थीं, लेकिन उसके बाद भारत और दक्षिण कोरिया की हिस्सेदारी बढ़ी है.
बता दें कि कोरोना संकट के इस दौर में अर्थव्यवस्था की खराब हालत को देखते हुए रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बीते 2 जून को भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटा दिया है. मूडीज ने कहा है कि इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी की गिरावट आ सकती है.
मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटाने के साथ साथ ही आउटलुक को नकारात्मक बनाये रखा है. पहले भारत की रेटिंग ‘Baa2’ थी, जिसे घटाकर ‘Baa3’ कर दिया गया है. मूडीज ने कहा कि भारत के सामने गंभीर आर्थिक सुस्ती का ज्यादा खतरा है, जिसके कारण राजकोषीय लक्ष्य पर दबाव बढ़ रहा है.
Posted By : Vishwat Sen
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