GST के 6 साल : भारत में जीएसटी का बंपर कलेक्शन, जून में 1.61 लाख करोड़ के पार
भारत में छह साल पहले 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी कर व्यवस्था लागू होने के बाद से सकल कर संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. भारत में आज से छह साल पहले 1 जुलाई, 2017 को ही तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में वस्तु एवं सेवाकर लागू किया गया था.
नई दिल्ली : भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के शनिवार को छह साल पूरे हो गए हैं. आज से छह साल पहले 1 जुलाई, 2017 को ही तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में वस्तु एवं सेवाकर लागू किया गया था. हालांकि, देश में जीएसटी जब से लागू किया गया है, तभी से नए सिस्टम के तहत कर संग्रह में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में जीएसटी कलेक्शन में करीब 12 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही, जीएसटी कलेक्शन 1.61 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.
सकल कर संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ के पार
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में छह साल पहले 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी कर व्यवस्था लागू होने के बाद से सकल कर संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह क्रमशः 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.51 लाख करोड़ रुपये और 1.69 लाख करोड़ रुपये है.
एकीकृत जीएसटी 80,292 करोड़ रुपये का संग्रह
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया कि जून 2023 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये है. इसमें केंद्रीय जीएसटी 31,013 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 38,292 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 80,292 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 39,035 करोड़ रुपये सहित) है. इसके अलावा, उपकर (सेस) 11,900 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 1,028 करोड़ रुपये सहित) है.
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जून 2023 में राजस्व संग्रह में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, राजस्व संग्रह जून 2023 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 12 फीसदी अधिक है. समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 18 प्रतिशत अधिक रहा. इससे पहले अप्रैल में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. मई में यह 1.57 लाख करोड़ रुपये था.
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